ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए गाय को अर्पित करें विशेष वस्तुएं
क्या आप अपने जीवन में ग्रह दोषों से परेशान हैं? जानें कैसे गाय को अर्पित की गई विशेष वस्तुएं आपके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकती हैं। इस लेख में हम 9 ग्रहों के लिए अर्पित की जाने वाली वस्तुओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, गाय को अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, यह भी जानें।
Aug 9, 2025, 06:37 IST
ग्रह दोष और गाय का महत्व
यदि आपकी कुंडली में बार-बार ग्रह दोष उत्पन्न हो रहे हैं, शुभ कार्यों में रुकावट आ रही है या जीवन में अचानक समस्याएं बढ़ रही हैं, तो यह नवग्रहों के अशुभ प्रभाव का संकेत हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, गाय को विशेष वस्तुएं अर्पित करने से ग्रहों का प्रभाव शांत होता है और जीवन में प्रगति के रास्ते खुलते हैं। गाय की सेवा न केवल पुण्य का कार्य है, बल्कि यह ग्रह दोषों को भी समाप्त करती है।
गाय और देवताओं का संबंध
गाय को 33 कोटि देवताओं का निवास स्थान माना जाता है, इसलिए उसे अर्पित की गई वस्तुएं सीधे देवताओं और ग्रहों तक ऊर्जा पहुंचाती हैं।
9 ग्रह और उनके लिए अर्पित की जाने वाली वस्तुएं
9 ग्रह और उनके लिए अर्पण की जाने वाली वस्तुएं
- सूर्य (Sun) – आत्मबल और नेतृत्व का कारक
- गाय को गुड़ खिलाएं
- सूर्य को तेज और मधुरता प्रदान करता है
- चंद्रमा (Moon) – मन और भावनाओं का स्वामी
- गाय को चावल खिलाएं (विशेषकर पूर्णिमा को)
- मानसिक तनाव कम होता है, शांति मिलती है
- मंगल (Mars) – ऊर्जा और साहस का ग्रह
- मसूर की दाल, रोटी और गुड़ का मिश्रण दें
- रक्त और क्रोध से जुड़े दोष शांत होते हैं
- बुध (Mercury) – बुद्धि और व्यापार का ग्रह
- हरा चारा या हरा पालक खिलाएं
- स्मृति, वाणी और निर्णय क्षमता सुधरती है
- बृहस्पति (Jupiter) – ज्ञान और धर्म का प्रतिनिधि
- चना दाल और घी लगी रोटी दें
- आध्यात्मिक उन्नति और संतान सुख प्राप्त होता है
- शनि (Saturn) – कर्म और न्याय का ग्रह
- सरसों के तेल में चुपड़ी रोटी खिलाएं
- बाधाएं, कष्ट और नौकरी-स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कम होती हैं
- राहु (Rahu) – भ्रम और मानसिक उलझनों का कारक
- सफेद तिल और रोटी दें
- नकारात्मकता और भय कम होता है
- केतु (Ketu) – मोक्ष और अध्यात्म का ग्रह
- उबली मूंग की दाल खिलाएं
- छाया ग्रहों के अशुभ प्रभाव से रक्षा करता है
गाय को अर्पित करते समय ध्यान देने योग्य बातें
गाय को अर्पित करते समय ध्यान रखें
- प्रेम और श्रद्धा से वस्तु अर्पित करें।
- रोटी या अन्न ताजे और सात्विक हों।
- सप्ताह में 1–2 बार नियमित रूप से यह उपाय करें।
- सोमवार, गुरुवार और शनिवार को यह उपाय विशेष फलदायी होता है।