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गुरु प्रदोष व्रत 2026: नए साल के पहले दिन का महत्व और सावधानियाँ

गुरु प्रदोष व्रत 2026 का आयोजन 1 जनवरी को होगा, जो नए साल की शुरुआत के साथ एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवसर है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। जानें इस दिन क्या करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए। सही पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
 

गुरु प्रदोष व्रत 2026

गुरु प्रदोष व्रत 2026Image Credit source: AI


नए साल 2026 का आगाज: वर्ष 2026 का प्रारंभ एक विशेष आध्यात्मिक अवसर के साथ हो रहा है। पंचांग के अनुसार, 1 जनवरी 2026 को न केवल नए साल की शुरुआत होगी, बल्कि इस दिन गुरु प्रदोष व्रत का भी आयोजन होगा। यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। चूंकि यह व्रत गुरुवार को है, इसे 'गुरु प्रदोष' कहा जाता है, जो सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए विशेष है।


शुभ मुहूर्त और तिथि (Guru Pradosh 2026 Shubh Muhurat)


हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 1 जनवरी 2026 को है।

  • तिथि: 1 जनवरी 2026, गुरुवार
  • व्रत का नाम: गुरु प्रदोष व्रत
  • पूजा का समय: प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय)


भूलकर भी न करें ये गलतियां!


शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को करना वर्जित है। यदि आप इन गलतियों को करते हैं, तो व्रत का फल नहीं मिलता:

तामसिक भोजन से बचें: नए साल के जश्न में लोग अक्सर मांस और शराब का सेवन करते हैं। लेकिन इस दिन प्रदोष व्रत होने के कारण लहसुन, प्याज, मांस या शराब का सेवन न करें।

कलह और क्रोध: महादेव को शांति प्रिय है। इस दिन घर में झगड़ा न करें और न ही किसी को अपशब्द बोलें। बड़ों का अनादर करने से गुरु दोष लग सकता है।

देर तक न सोएं: नए साल की सुबह देर तक सोकर न बिताएं। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और शिव जी का ध्यान करें।

पूजा में वर्जित चीजें: भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल, सिंदूर या तुलसी दल का प्रयोग न करें। इससे महादेव रुष्ट हो सकते हैं।

काले वस्त्रों से परहेज: शुभ कार्य और पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करना शुभ होता है.


गुरु प्रदोष पर क्या करें?


प्रदोष काल में पूजा: शिव जी की पूजा शाम के समय अवश्य करें। इस समय महादेव प्रसन्न मुद्रा में होते हैं।

पंचामृत अभिषेक: शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल अर्पित करें।

पीली वस्तुओं का दान: गुरुवार होने के कारण चने की दाल या पीले फल का दान करना आर्थिक तंगी दूर करता है।