कार्तिक मास के प्रमुख त्योहार और भगवान विष्णु का महत्व
कार्तिक मास का आगमन
भगवान विष्णु (एआई फोटो)
कार्तिक मास की शुरुआत मंगलवार को हुई, जब शरद पूर्णिमा का समापन सुबह 9:16 बजे हुआ। यह महीना हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इसे भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह आठवां महीना है, जिसमें दान, स्नान और पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस मास में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं।
त्योहारों की विशेषताएँ
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की उपासना का विशेष समय है। इसकी शुरुआत शरद पूर्णिमा से होती है। कार्तिक के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। यह त्योहार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
इस मास में कृष्ण की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, जब भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। लोग इस दिन सोने, चांदी या धातु के बर्तन खरीदते हैं और लक्ष्मी-कुबेर की पूजा करते हैं। इसके अगले दिन नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। भक्त इस दिन दीपदान और स्नान करते हैं।
दीपावली और अन्य त्योहार
कार्तिक मास का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली है, जो अमावस्या को मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है। इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं और अपने घरों को दीपों से सजाते हैं। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है।
कार्तिक मास के त्योहारों की सूची
कार्तिक मास के त्योहारों की लिस्ट (Kartik Maas Festivals List)
- करवाचौथ
- धनतेरस
- दीपावली
- गोवर्धन पूजा
- भाई दूज
- छठ पूजा
- गोपाष्टमी
- प्रबोधिनी एकादशी
- कार्तिक पूर्णिमा
- गुरुनानक जयंती
भगवान विष्णु का योगनिद्रा से जागना
कार्तिक में योगनिद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु (Bhagavaan Vishnu Yoganidra)
कार्तिक मास में भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागेंगे। वे देवशयनी एकादशी के दिन योगनिद्रा में चले जाते हैं, जो चातुर्मास के लिए होती है। चार महीने बाद, देवउठनी एकादशी के दिन, भगवान विष्णु जागते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में खुशियाँ और शुभ फल प्राप्त होते हैं।