कलियुग के अंत के संकेत: 6 लक्षण जो दिखाते हैं मानवता का पतन
कलियुग का आरंभ और उसके लक्षण
कलियुग की शुरुआत राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद मानी जाती है, और इसे लगभग 5000 वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान मानवता में कई परिवर्तन देखने को मिले हैं।
कल्पना कीजिए कि जब कलियुग अपने चरम पर पहुंचेगा, तब मानव का व्यवहार कितना विकृत हो जाएगा। पुराणों में कुछ संकेत दिए गए हैं, जिनसे यह समझा जा सकता है कि कलियुग का अंत निकट है।
मनुष्यों के लक्षण
पहला लक्षण: भविष्य पुराण के अनुसार, जब कलियुग का अंत निकट होगा, तब मनुष्यों की औसत आयु में कमी आएगी। लोग केवल 20 वर्ष की आयु में मृत्यु को प्राप्त होंगे, और 5 वर्ष की उम्र में महिलाएं मातृत्व का अनुभव करेंगी।
दूसरा लक्षण: जब कलियुग का अंत होगा, तब लोग ऐसे यज्ञ करेंगे जिनका शास्त्रों में कोई उल्लेख नहीं होगा। इन यज्ञों का उद्देश्य मानवता का विनाश होगा, जिससे ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति भी प्रभावित होगी।
तीसरा लक्षण: इस समय, पुत्र अपने पिता को काम पर भेजेंगे, और बहुएं सास से घर का काम करवाएंगी। पति-पत्नी एक-दूसरे को छोड़कर अन्य लोगों के साथ संबंध बनाएंगे।
चौथा लक्षण: कलियुग के अंत में, लोग धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करना छोड़ देंगे और खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी मानने लगेंगे। इस दौरान, भगवान की पूजा भी समाप्त हो जाएगी और क्रोध तथा लोभ प्रमुख गुण बन जाएंगे।
पांचवा लक्षण: अधर्म के कारण, सभी नदियां सूख जाएंगी और अन्न उत्पादन बंद हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, लोग मांसाहारी बन जाएंगे और गायें भी दूध देना बंद कर देंगी।
छठा लक्षण: अंत में, मानवता मलेच्छ हो जाएगी। पिता-पुत्र और पुत्र-पिता के बीच हत्या की घटनाएं बढ़ेंगी, और विवाह का पवित्र बंधन समाप्त हो जाएगा।