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उम्र के अनुसार घी का सेवन: जानें सही मात्रा और स्वास्थ्य लाभ

घी का सेवन भारतीय खान-पान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, लेकिन इसके बारे में कई भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। इस लेख में, हम उम्र के अनुसार घी की सही मात्रा के बारे में जानकारी देंगे। जानें कि बच्चों, युवाओं, और बुजुर्गों के लिए घी का सेवन कैसे फायदेमंद हो सकता है। सही मात्रा में घी का सेवन करने से न केवल वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
 

घी का महत्व और भ्रांतियाँ

पुराने समय में, लोग अपने भोजन में नियमित रूप से देसी घी का उपयोग करते थे। लेकिन समय के साथ, घी के बारे में कई गलतफहमियाँ फैल गईं, जैसे कि घी से वजन बढ़ता है या यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ये भ्रांतियाँ मुख्यतः रिफाइंड तेल बनाने वाली कंपनियों द्वारा फैलाई गई हैं। सच्चाई यह है कि यदि आप सही मात्रा में घी का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।


उम्र के अनुसार घी की सही मात्रा

हम यहाँ उम्र के अनुसार घी की सही मात्रा के बारे में चर्चा करेंगे। यदि आप अपनी उम्र के अनुसार सही मात्रा में घी का सेवन करते हैं, तो न केवल आपका वजन नियंत्रित रहेगा, बल्कि आपको अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलेंगे। ध्यान रखें कि आपको केवल शुद्ध देसी घी का ही सेवन करना चाहिए। बाजार में मिलने वाला नकली घी सफेद रंग का होता है, जबकि असली घी हल्का पीला होता है।


18 साल से कम उम्र

बच्चों और किशोरों के लिए: इस आयु वर्ग के लोगों को रोजाना 2 से 3 चम्मच घी का सेवन करना चाहिए, जो लगभग 15 से 20 ग्राम के बराबर होता है। इससे उनकी सेहत में सुधार होगा।


18 से 45 साल के लोग

युवाओं के लिए: इस श्रेणी में आने वाले व्यक्तियों को प्रतिदिन 10 से 12 ग्राम घी का सेवन करना चाहिए, जो कि लगभग दो चम्मच के बराबर है।


45 से 60 साल के लोग

उम्रदराज लोगों के लिए: इस आयु वर्ग के लोगों को रोजाना 8 से 10 ग्राम, यानी एक चम्मच घी का सेवन करना चाहिए। यह उनकी सेहत के लिए लाभकारी होता है।


गर्भवती महिलाएं

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए: उन्हें रोजाना 2 से 3 चम्मच घी का सेवन करना चाहिए, जिससे उनके दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है।


60 साल से ऊपर के लोग

जो लोग 60 साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही घी की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए। सही मात्रा में घी का सेवन करने से शरीर इसे बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है, जिससे आपको ऊर्जा मिलती है।