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अपराजिता और चिड़चिड़ा: चमत्कारी औषधीय पौधों के अद्भुत लाभ

इस लेख में हम अपराजिता और चिड़चिड़ा जैसे अद्भुत औषधीय पौधों के बारे में जानेंगे। ये पौधे न केवल चिकित्सा में, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। जानें इनके उपयोग और लाभ, जो आपकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
 

प्राचीन औषधीय पौधों का महत्व


प्राचीन भारतीय ऋषि-मुनियों ने प्राकृतिक औषधियों की विशेषताओं को पहचाना और उनका उपयोग न केवल चिकित्सा में, बल्कि आध्यात्मिक साधना और ज्योतिष में भी किया। आज भी, इन औषधीय पौधों का महत्व बना हुआ है। इस लेख में हम दो अद्भुत पौधों, अपराजिता और चिड़चिड़ा (लटजीरा या अपामार्ग) के बारे में जानेंगे, जिनके औषधीय, धार्मिक और ज्योतिषीय गुण आपको आश्चर्यचकित कर देंगे।


1. अपराजिता: एक अद्भुत औषधीय पौधा

परिचय: अपराजिता एक विशेष पौधा है, जिसे आयुर्वेद में अत्यधिक गुणकारी माना गया है। इसे विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है। इसके दो प्रकार होते हैं: एक नीले फूलों वाला और दूसरा सफेद फूलों वाला। दोनों प्रकार का पौधा आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष में महत्वपूर्ण है।


आयुर्वेदिक उपयोग: त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए, अपराजिता के फूलों और पत्तों से बने उबटन का उपयोग करने से त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और यह युवा बनाए रखता है। पेशाब की पथरी के इलाज में, इसके फूलों का काढ़ा पीने से पथरी बाहर निकल जाती है। गर्मियों में पेशाब में जलन होने पर, इसके पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है।


धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व: अपराजिता को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। प्राचीन योद्धा युद्ध में अपराजित रहने के लिए इसकी जड़ को अपनी शिखा में बांधते थे। तांत्रिक साधनाओं में भी इसका विशेष महत्व है।


2. चिड़चिड़ा (लटजीरा या अपामार्ग): हर समस्या का समाधान

परिचय: चिड़चिड़ा, जिसे लटजीरा और अपामार्ग के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है। इसके बीज कपड़ों पर चिपक जाते हैं, इसलिए इसे लटजीरा कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसकी जड़ में देवी गंगा का वास होता है।


आयुर्वेदिक उपयोग: दांतों को मजबूत करने के लिए, इस पौधे की दातुन करने से दांत मजबूत रहते हैं। भूख को नियंत्रित करने के लिए, इसके बीजों की खीर का सेवन किया जाता था। बिच्छू के डंक से राहत पाने के लिए, इसकी जड़ को प्रार्थना के साथ रगड़ने से विष समाप्त हो जाता है।


धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व: चिड़चिड़ा के पौधे को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसे गंगा जल के समान पवित्र माना जाता है और तांत्रिक साधनाओं में इसका उपयोग बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए किया जाता है।


निष्कर्ष

अपराजिता और चिड़चिड़ा जैसे पौधे न केवल औषधीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी। यदि इनका सही उपयोग किया जाए, तो ये कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इनकी महिमा प्राचीन ग्रंथों में भी वर्णित है, जो इनके गुणों की पुष्टि करती है।