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अक्टूबर 2025 में चोर पंचक: जानें कब हैं और क्या करें?

अक्टूबर 2025 में चोर पंचक दो बार आएगा, जो विशेष सावधानियों के साथ जुड़ा है। इस दौरान धन हानि, चोरी और व्यापार में नुकसान की संभावना बढ़ जाती है। जानें कि चोर पंचक कब से कब तक है, और इस दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए। साथ ही, जानें कि इस समय में क्या करना लाभकारी हो सकता है।
 

अक्टूबर 2025 में चोर पंचक का महत्व

चोर पंचक 2025

अक्टूबर पंचक 2025 की तिथियाँ: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले सही मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। हर महीने में ऐसे पांच दिन होते हैं, जिन्हें अशुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसे पंचक काल कहा जाता है। अक्टूबर 2025 में पंचक दो बार आएगा, जिसे चोर पंचक कहा जाएगा। आइए जानते हैं कि ये पंचक कब से कब तक हैं और इनमें किन कार्यों से बचना चाहिए।

अक्टूबर 2025 में पंचक की तिथियाँ

  1. पहला पंचक: 3 अक्टूबर 2025 से 8 अक्टूबर 2025 तक।
  2. दूसरा पंचक: 31 अक्टूबर 2025 से 4 नवंबर 2025 तक।

3 अक्टूबर और 31 अक्टूबर दोनों ही दिन शुक्रवार हैं, इसलिए इन्हें चोर पंचक कहा जाता है। इस दौरान विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

चोर पंचक की विशेषताएँ

चोर पंचक वह समय होता है जो शुक्रवार से शुरू होता है। इसे ज्योतिष में सबसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान धन हानि, चोरी और व्यापार में नुकसान की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, इस समय में कोई भी शुभ कार्य, लेन-देन, यात्रा या निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए।

चोर पंचक में क्या न करें?

धन का लेन-देन: इस समय किसी भी प्रकार का लेन-देन करने से बचें, क्योंकि इससे धन हानि हो सकती है।

दक्षिण दिशा की यात्रा: चोर पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो हनुमान चालीसा का पाठ कर गुड़ खाकर यात्रा करें।

शुभ कार्य: इस दौरान शादी, उपनयन संस्कार, मुंडन या नए व्यवसाय की शुरुआत से बचें।

घर की छत: चोर पंचक के दौरान घर की छत का निर्माण नहीं करना चाहिए।

चोर पंचक में क्या करना चाहिए?

हनुमान चालीसा का पाठ: इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है।

श्रीसूक्त का पाठ: धन हानि से बचने के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें।

दान-पुण्य: धार्मिक स्थलों पर दान करने के बाद ही लेन-देन करें।

स्वास्तिक बनाएं: दरवाजे पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।

पंचक के प्रकार

पंचक कुल पांच प्रकार के होते हैं, जो सप्ताह के दिनों के अनुसार निर्धारित होते हैं:

  • रोग पंचक: रविवार को शुरू होता है।
  • राज पंचक: सोमवार को शुरू होता है।
  • अग्नि पंचक: मंगलवार को शुरू होता है।
  • चोर पंचक: शुक्रवार को शुरू होता है।
  • मृत्यु पंचक: शनिवार को शुरू होता है।

पंचक के प्रभाव

रोग पंचक: इस समय शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

राज पंचक: यह शुभ माना जाता है, खासकर सरकारी नौकरी के लिए।

अग्नि पंचक: इस दौरान आग लगने का खतरा अधिक होता है।

चोर पंचक: धन हानि या चोरी की संभावना रहती है।

मृत्यु पंचक: यह सबसे अशुभ माना जाता है, जिसमें जान-माल का नुकसान हो सकता है।