अंगारक दोष: जानें इसके प्रभाव और निवारण के उपाय
अंगारक दोष के बारे में जानकारी
अंगारक दोष के उपाय
अंगारक दोष क्या है: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ योगों का महत्व होता है। जब शुभ योग बनते हैं, तो व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, लेकिन अशुभ योग या दोष होने पर जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अंगारक दोष को ज्योतिष में एक गंभीर दोष माना जाता है, जो मंगल और राहु की युति से उत्पन्न होता है। आइए जानते हैं कि यह दोष क्या है और इसके निवारण के उपाय क्या हैं।
अंगारक दोष कैसे उत्पन्न होता है?
ज्योतिष के अनुसार, राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। जब ये ग्रह अन्य ग्रहों के साथ युति करते हैं, तो अंगारक दोष का निर्माण होता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में जन्म से ही यह दोष होता है, उनका स्वभाव अक्सर उग्र होता है। ऐसे लोग जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और झगड़ों में शामिल हो जाते हैं।
अंगारक दोष के निवारण के उपाय
इस दोष से प्रभावित व्यक्तियों को ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। इसके प्रभाव को कम करने के लिए नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करना लाभकारी होता है। इसके अलावा, लाल वस्तुओं का दान करना और कच्चा कोयला बहते पानी में प्रवाहित करना भी उपाय हैं। गवान भैरव को केले के पत्ते पर चावल का भोग अर्पित करना चाहिए।
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