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होलिका दहन और चंद्र ग्रहण: 14 मार्च का खास संयोग

इस वर्ष होली का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा, जो कि एक विशेष चंद्र ग्रहण के साथ मेल खा रहा है। जानें इस दिन का महत्व, ग्रहण का समय और इसके धार्मिक पहलुओं के बारे में। क्या आप जानते हैं कि इस बार का चंद्र ग्रहण 'ब्लड रेड मून' कहलाएगा? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
 

होलिका दहन और चंद्र ग्रहण का अद्भुत संयोग

नई दिल्ली: इस वर्ष होली का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर यह उत्सव आता है। इस दिन शाम को होलिका दहन किया जाएगा, जबकि अगले दिन रंगों की होली खेली जाएगी। खास बात यह है कि इसी दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा, जिसे ब्लड रेड मून कहा जाता है।


होलिका दहन 14 मार्च को होगा और धुलंडी 15 मार्च को मनाई जाएगी। इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्ण होगा, जो तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है। इसके बाद, 29 मार्च को अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी होगा।


भारतीय समयानुसार, सुबह 9:27 बजे उपछाया ग्रहण शुरू होगा, 10:39 बजे आंशिक ग्रहण और 11:56 बजे पूर्ण चंद्र ग्रहण समाप्त होगा। हालांकि, भारत में इस चंद्र ग्रहण को देख पाना संभव नहीं होगा। होलिका दहन के दिन सूतक का कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा, इसलिए इसका धार्मिक महत्व नहीं होगा। चंद्र ग्रहण का पूर्णता मार्ग यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका से होकर गुजरेगा।


चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, जिससे पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुँचने से रोक देती है। चंद्र ग्रहण के तीन प्रकार होते हैं: पूर्ण, आंशिक और उपछाया।