×

होटल मालिक के टॉर्चर से मानसिक तनाव में आया सफाई कर्मचारी, ट्रेन के आगे कूदकर दी जान

मोरादाबाद में एक दुखद घटना में, एक सफाई कर्मचारी को होटल मालिक द्वारा प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। परिवार ने 18 दिन तक पुलिस के पास जाकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः जब मामला एसएसपी तक पहुंचा, तब होटल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जानें इस घटना की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

मोरादाबाद में हुई दुखद घटना

मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता, भोजपुर। एक मोबाइल चोरी के संदेह में होटल के मालिक ने सफाई कर्मचारी को बंद कमरे में इतना प्रताड़ित किया कि वह मानसिक रूप से टूट गया और अगले दिन ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि परिवार ने 18 दिन तक थाने के चक्कर काटे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। अंततः जब मामला एसएसपी तक पहुंचा, तब जाकर होटल मालिक शानू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।

अशोक कुमार की कहानी और उनकी अंतिम रात

भगतपुर थाना क्षेत्र के डूंगरपुर गांव के 37 वर्षीय अशोक कुमार अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी पत्नी सरिता, दो बेटियां साक्षी (15) और सोनाक्षी (13) और 9 वर्षीय बेटा अनमोल – पूरा परिवार अशोक की कमाई पर निर्भर था। वह भोजपुर थाना क्षेत्र के गोधी हमीरपुर में जुबली होटल में सफाई का कार्य करते थे।

31 अक्टूबर की शाम को होटल में एक ग्राहक का मोबाइल गायब हो गया। होटल के मालिक शानू ने बिना किसी सबूत के अशोक पर शक किया। सरिता ने अपनी शिकायत में लिखा कि उनके पति ने मोबाइल चोरी नहीं किया था, फिर भी शानू ने उन्हें एक कमरे में बंद कर घंटों तक प्रताड़ित किया। उन्होंने मारपीट की, गालियां दीं और धमकियां दीं।

पुलिस की कार्रवाई और अशोक की स्थिति

टॉर्चर से परेशान होकर शानू ने पुलिस को बुलाया। सिरसवां दोराहा पुलिस चौकी की टीम ने अशोक को ले जाकर पूछताछ की, लेकिन परिवार को कोई जानकारी नहीं दी गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जिस व्यक्ति ने शिकायत की थी, पुलिस ने अशोक को उसी होटल मालिक शानू के हवाले कर दिया!

रात करीब 12 बजे अशोक घर लौटे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। अगले दिन 1 नवंबर को वह फिर घर से निकले और वापस नहीं लौटे।

ट्रेन से आत्महत्या

2 नवंबर को परिवार को पता चला कि जलालपुर हाल्ट के पास 1 नवंबर की सुबह एक व्यक्ति की ट्रेन से कटकर मौत हो गई है। पोस्टमार्टम हाउस जाकर सरिता और परिवार ने शव देखा और पहचाना – वह अशोक ही थे। अंतिम संस्कार के बाद जब परिवार दोबारा होटल गया, तब पूरी सच्चाई सामने आई।

अशोक के भाई दीक्षित कुमार ने कहा, “मेरा भाई इतना टूट चुका था कि उसने घर आकर कुछ नहीं बताया। अगले दिन वह चुपचाप निकला और ट्रेन के आगे कूद गया। होटल मालिक ने उसे इतना प्रताड़ित किया कि वह जीने की इच्छा ही खो बैठा।”

पुलिस की अनसुनी और परिवार की कोशिशें

अशोक की मौत के बाद परिवार भोजपुर और भगतपुर थाने के चक्कर लगाता रहा। सरिता बार-बार रोते हुए गुहार लगाती रहीं, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया। अंततः परिजनों ने एसएसपी सतपाल अंतिल से शिकायत की। तब जाकर 18 दिन बाद सरिता की तहरीर पर होटल मालिक शानू के खिलाफ IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस का बयान: जांच जारी है

एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने कहा, “अशोक कुमार को पूछताछ के लिए चौकी लाया गया था, बयान दर्ज किए गए थे और फिर उसे घर भेज दिया गया था। अब परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”