हैदराबाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा अलर्ट: पाकिस्तानी यूज़र की संदिग्ध पोस्ट पर कार्रवाई
हैदराबाद एयरपोर्ट पर एक पाकिस्तानी यूज़र की सोशल मीडिया पोस्ट ने सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया। इस पोस्ट में 1998 में हुए एक विमान अपहरण की घटना का जिक्र था, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुरक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया।
Aug 21, 2025, 16:12 IST
सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप
हैदराबाद एयरपोर्ट पर 14 अगस्त को सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई, जब एक पाकिस्तानी यूज़र की पोस्ट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल ने “थ्रेट मेल” के रूप में चिन्हित किया। इस पोस्ट में 1998 में पाकिस्तान में हुई एक विमान अपहरण की घटना का जिक्र था, जिसमें “हैदराबाद एयरपोर्ट”, “दिल्ली” और “भुज” जैसे शब्द शामिल थे। वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने इस संदिग्ध पोस्ट की रिपोर्ट की, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
एफआईआर दर्ज
15 अगस्त को हैदराबाद एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र @omeremran के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस यूज़र ने अपने प्रोफ़ाइल में खुद को “एविएशन गीक और हिस्ट्री बफ़” बताया है। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 351(4) (अनाम संचार द्वारा आपराधिक डराना), 353(2) (जनहित के विरुद्ध बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66D (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
संदिग्ध पोस्ट का विवरण
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, @omeremran की पोस्ट में उल्लेख था कि “25 मई 1998 को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का विमान PK-544 ग्वादर से 33 यात्रियों और 5 क्रू मेंबर के साथ उड़ान भरी। थोड़ी देर बाद बलूच स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के तीन हथियारबंद सदस्यों ने विमान का अपहरण कर लिया और उसे नई दिल्ली ले जाने की मांग की। लेकिन उसी दिन कमांडो कार्रवाई में अपहरणकर्ताओं को हैदराबाद एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। 17 साल बाद उन्हें फांसी दी गई।”
सुरक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया
हालांकि यह एक ऐतिहासिक घटना का विवरण था और @omeremran के केवल 350 के आसपास फॉलोअर्स हैं, लेकिन हैदराबाद एयरपोर्ट की सोशल मीडिया निगरानी प्रणाली ने इसे संदिग्ध मान लिया। सूत्रों के अनुसार, विमानन सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से पहले पोस्ट की वास्तविकता की पुष्टि नहीं की।