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हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर से 78 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आए मानसून ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसमें 78 लोगों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। 31 लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। जानें इस आपदा के कारणों और प्रभावित क्षेत्रों के बारे में अधिक जानकारी।
 

हिमाचल में मानसून का तांडव

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भयंकर तबाही मचाई है, विशेष रूप से मंठी शहर में। इस प्राकृतिक आपदा के चलते 78 लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। इसके अलावा, 31 लोग अभी भी लापता हैं। 20 जून से शुरू हुई बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे घरों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। थुनाग में एक स्थानीय बैंक भी इस आपदा का शिकार हुआ है। उत्तराखंड राज्य भी हाई अलर्ट पर है, जहां चार जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।


बादल फटने और भूस्खलन से हुई मौतें

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, 20 जून से मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 31 लोग लापता हैं। इनमें से 50 लोगों की मौत भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं में हुई, जबकि 28 अन्य सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।


हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं

6 जुलाई तक, हिमाचल प्रदेश में 23 अचानक बाढ़, 19 बादल फटने और 16 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। 78 मौतों में से 50 की मौत बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे डूबने, बिजली का झटका लगने और अचानक बाढ़ के कारण हुई। इसके अलावा, 28 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई। एसडीएमए ने बताया कि 37 लोग अभी भी लापता हैं और 115 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे विभाग का सहयोग करें और पानी का उपयोग सावधानी से करें।


लगातार बारिश से बुनियादी ढांचे पर असर

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश ने सार्वजनिक उपयोगिताओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कुल 269 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, 285 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हो गए हैं और 278 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हो गई हैं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां भारी बारिश के कारण 200 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।


भूस्खलन और जलभराव से स्थिति गंभीर

एसडीएमए ने कहा कि भारी बारिश ने भूस्खलन और जलभराव के कारण कई जिलों में सड़क संपर्क और आवश्यक सेवाओं को बाधित किया है। मंडी और कुल्लू जैसे क्षेत्रों में फील्ड टीमें अलर्ट पर हैं। शिमला, सोलन और लाहौल एवं स्पीति जैसे जिलों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन लगातार बारिश से स्थिति और बिगड़ सकती है। अधिकारियों ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।


भारी बारिश का प्रभाव