हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से तबाही: कंगना रनौत की प्रतिक्रिया पर विवाद
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर
हिमाचल प्रदेश हाल ही में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है, जिसमें 78 लोगों की जान चली गई और 400 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। मंडी जिला, जो भाजपा की कंगना रनौत का निर्वाचन क्षेत्र है, 15 मौतों के साथ सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इस त्रासदी पर कंगना रनौत की प्रतिक्रिया में देरी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिससे उनके पार्टी सहयोगी जयराम ठाकुर भी नाराज हो गए हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कंगना रनौत से सवाल उठाए हैं।
कंगना रनौत की सांसद के रूप में भूमिका पर सवाल
हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि कंगना रनौत अपने सांसद के दायित्वों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। यह टिप्पणी उन्होंने मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान की, जहां रनौत ने कहा था कि राहत और बचाव कार्य राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
रनौत ने कहा, "एक सांसद के नाते मैं केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा सकती हूं और केंद्रीय सहायता का अनुरोध कर सकती हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि वह केंद्र और राज्य के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करती हैं और निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को केंद्र सरकार के सामने उठाती हैं।
नेगी ने कहा, "यदि वह सांसद के रूप में अपने दायित्व से खुश नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि कोई सक्षम व्यक्ति लोगों के दर्द को समझ सके और उनके साथ खड़ा हो सके।"
हाल ही में मंडी जिले में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए और 27 लोग लापता हैं। नेगी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि इस साल की सबसे भीषण मानसून आपदा में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जबकि केंद्र ने केवल 2,006 करोड़ रुपये की राहत सहायता दी है।