×

हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज मंत्री पर एनएचएआई अधिकारी पर हमले का मामला

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा के खिलाफ एनएचएआई के एक अधिकारी पर हमले का मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता अचल जिंदल ने आरोप लगाया है कि उन पर एक साइट निरीक्षण के दौरान हमला किया गया। मंत्री ने सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि यह एक बड़ी घटना को छिपाने के लिए किया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस हमले की निंदा की है और मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। यह मामला राज्य में राजनीतिक हलचल का कारण बन गया है।
 

राजनीतिक हलचल के बीच मामला दर्ज

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी पर कथित हमले का मामला सामने आया है, जिससे राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है। शिकायतकर्ता अचल जिंदल, जो शिमला में एनएचएआई में तकनीकी प्रबंधक हैं, ने आरोप लगाया है कि सोमवार को एक साइट निरीक्षण के दौरान उन पर हमला किया गया। इस घटना के बाद, एनएचएआई अधिकारी को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में भर्ती कराया गया है.


अनिरुद्ध सिंह राणा का बयान

अनिरुद्ध सिंह राणा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि घटना के समय वहां लगभग 150 लोग मौजूद थे। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय लोगों ने एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ दुर्व्यवहार के लिए FIR दर्ज कराई है। राणा ने कहा, "मेरे खिलाफ दर्ज की गई FIR निराधार है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब एक बड़ी घटना को छिपाने के लिए किया गया है और जांच के परिणामों का सामना करने के लिए तैयार हैं.


केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है, जिसे अनिरुद्ध सिंह राणा और उनके छह सहयोगियों द्वारा अंजाम दिया गया बताया गया है। गडकरी ने इसे जघन्य और गंभीर रूप से निंदनीय करार देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से त्वरित और अनुकरणीय कार्रवाई की मांग की है.


गडकरी का सोशल मीडिया पर बयान

गडकरी ने एक्स पर लिखा कि एनएचएआई पीआईयू शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल पर मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया हमला कानून के शासन का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस तरह का हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी नष्ट करता है। गडकरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री से सभी अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया.