×

हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, जांच का आश्वासन मिला

हिमाचल प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई मारपीट के बाद सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राघव नरुला की बर्खास्तगी के खिलाफ डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया है। अब वे सोमवार से अपने कार्यों पर लौटेंगे। इस मामले की विस्तृत जांच का आश्वासन दिया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य होने की उम्मीद है।
 

डॉक्टरों की हड़ताल का अंत

हिमाचल प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में हाल ही में हुई मारपीट की घटना के बाद सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव नरुला को बर्खास्त कर दिया गया था। इस निर्णय के खिलाफ सभी डॉक्टरों ने हड़ताल का सहारा लिया था। हालांकि, दो दिन बाद यह हड़ताल समाप्त हो गई है और सोमवार (29 दिसंबर) से डॉक्टर अपने कार्यों पर लौटेंगे।


मुख्यमंत्री का आश्वासन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने विस्तृत जांच का आश्वासन मिलने पर हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। अब रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार से अपने कार्यों में वापस लौटेंगे। इसके बाद 3 जनवरी को भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।


जांच का भरोसा

आईजीएमसी शिमला के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने रविवार (28 दिसंबर) को एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें हड़ताल समाप्त करने की जानकारी दी गई। इस नोट में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने संगठन को आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी और डॉ. राघव नरुला की बर्खास्तगी को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


हड़ताल का प्रभाव

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुईं। आईजीएमसी शिमला सहित कई अस्पतालों में नियमित ओपीडी और ऑपरेशन बंद रहे, जिससे मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं, लेकिन सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई।


घटना का विवरण

यह विवाद आईजीएमसी शिमला के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राघव नरुला की बर्खास्तगी से संबंधित है। 22 दिसंबर को एक मरीज, अर्जुन पंवार, इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान बेड को लेकर डॉक्टर और मरीज के बीच बहस हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद अस्पताल परिसर में तनाव फैल गया।


सरकार की कार्रवाई

सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की और 24 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया कि प्रारंभिक जांच और वीडियो फुटेज के आधार पर डॉक्टर और मरीज दोनों को दोषी पाया गया। इसे सरकारी सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन मानते हुए डॉ. राघव नरुला की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। इस निर्णय के खिलाफ प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का सहारा लिया।


डॉक्टरों का आभार

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रदेश और देशभर की अन्य रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है।


छवि