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हिमाचल प्रदेश ने हासिल की 'पूर्ण साक्षर राज्य' की उपलब्धि

हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए 'पूर्ण साक्षर राज्य' का दर्जा प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस ऐतिहासिक घोषणा की, जिसमें बताया गया कि राज्य ने निर्धारित समय से पहले यह लक्ष्य हासिल किया। साक्षरता दर में वृद्धि और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसे राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय बताया। इस अवसर पर कई अधिकारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
 

हिमाचल प्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धि

हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार करते हुए 'पूर्ण साक्षर राज्य' का दर्जा प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आयोजित 'पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025' में इस बात की घोषणा की। यह कार्यक्रम स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल ने निर्धारित समय से पहले इस लक्ष्य को हासिल किया है।


 


सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि लगभग सात प्रतिशत की न्यूनतम साक्षरता दर से पूर्ण साक्षर राज्य बनने का सफर कठिनाइयों से भरा रहा है, लेकिन राज्य ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ निरंतर प्रगति की है। उन्होंने आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। वर्तमान सरकार द्वारा किए गए सुधारों के परिणामस्वरूप, हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर राष्ट्रीय मानक 95 प्रतिशत से बढ़कर 99.30 प्रतिशत हो गई है, और छात्र-शिक्षक अनुपात में राज्य देश में पहले स्थान पर है।


 


मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक परिवर्तन होंगे और सरकारी संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्रों में बदलने का प्रयास किया जाएगा। सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम 'उल्लास' के तहत हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर बनाने में योगदान देने वाले अधिकारियों, स्वयंसेवकों और अन्य व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लास मेले में आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।


 


शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि "यह दिन हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।" उन्होंने याद दिलाया कि स्वतंत्रता के बाद, साक्षरता के मामले में हिमाचल प्रदेश देश में सबसे निचले पायदान पर था। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए, सभी सरकारों ने कड़ी मेहनत की और आज हिमाचल प्रदेश भारत में शीर्ष स्थान पर पहुँच गया है।