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हिंदू सिंगर ने मुस्लिम कलाकार के साथ गाने से किया इनकार: लता मंगेशकर की कहानी

इस लेख में हम लता मंगेशकर के एक विवादास्पद निर्णय के बारे में चर्चा करेंगे, जब उन्होंने एक मुस्लिम कलाकार के साथ गाने से इनकार कर दिया। जानें कि यह विवाद कैसे शुरू हुआ और इसके पीछे की सच्चाई क्या है। क्या यह सिर्फ एक अफवाह थी या कुछ और? इस कहानी में छिपी है कई दिलचस्प बातें जो आपको जाननी चाहिए।
 

हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद

This Hindu singer refused to sing with a Muslim artist


गायक: हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद हर क्षेत्र में देखने को मिलता है। भारत में कई हिंदू गायक हैं जिन्होंने अपने गानों से लोगों के दिलों को छुआ है, वहीं कई मुस्लिम कलाकार भी हैं जिन्होंने अपनी कला से लोगों को प्रभावित किया है।


आइए जानते हैं उन हिंदू गायकों के बारे में जिन्होंने मुस्लिम कलाकारों के साथ गाने से मना कर दिया, वो भी ऐसे मौके पर जब चारों ओर लोग मौजूद थे, लाइटें जल रही थीं और मंच पर माइक चालू था।


कौन हैं वो हिंदू सिंगर?

यह कोई और नहीं बल्कि लता मंगेशकर हैं, जिन्हें हिंदी फिल्मों की स्वर कोकिला के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपने करियर में लता मंगेशकर ने सैकड़ों सदाबहार गाने गाए हैं।


उन्होंने कई प्रसिद्ध गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया, लेकिन उनके जीवन में एक ऐसा समय भी आया जब यह अफवाह फैली कि वे मुसलमानों के साथ गाना नहीं चाहतीं। हालांकि, यह बाद में पूरी तरह से गलत साबित हुई।


सच्चाई क्या है?

1960 के दशक में लता मंगेशकर और उस समय के मशहूर पार्श्व गायक तलत महमूद को एक युगल गीत रिकॉर्ड करने का प्रस्ताव मिला, लेकिन किसी कारणवश यह रिकॉर्डिंग नहीं हो सकी। इसके बाद यह खबर फैल गई कि लता मंगेशकर किसी मुस्लिम के साथ गाना नहीं चाहतीं। यहां तक कि तलत महमूद ने भी इस अफवाह पर विश्वास कर लिया था। लेकिन बाद में उन्हें सच्चाई का पता चला।


दोनों कलाकारों के बीच बहस

रिपोर्ट्स के अनुसार, जब लता मंगेशकर को इस अफवाह और तलत महमूद की गलतफहमी के बारे में पता चला, तो उन्होंने तलत से पूछा, ‘आपने इतनी सस्ती कहानी पर कैसे विश्वास कर लिया? क्या आपको नहीं पता कि सिंगर रफ़ी साहब और नौशाद साहब भी मुसलमान हैं? मैं हमेशा उनके साथ काम करती हूँ।


मैं यूसुफ़ भाई (दिलीप कुमार) को राखी बांधती हूँ। क्या आप भूल गए कि मैंने अमन अली और अमानत खान साहब से सीखना शुरू किया था? वे भी मुसलमान थे।’ इस बातचीत के बाद तलत महमूद की गलतफहमी दूर हो गई।