×

हिंदी विवेक द्वारा ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ का विमोचन: समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत

हिंदी विवेक ने ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ का विमोचन किया, जिसमें समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक विचार संकलित हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि यह ग्रंथ आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगा। उन्होंने संघ के योगदान और धर्म रक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस समारोह में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और हिंदी विवेक के कार्यों की सराहना की। जानें इस कार्यक्रम की और खास बातें।
 

हिंदी विवेक का योगदान और ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ का विमोचन

हिंदी विवेक ने अपने आरंभ से ही समाज और राष्ट्र को वैचारिक दिशा देने का कार्य किया है। संघ स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों को समाज तक पहुँचाने के लिए हिंदी विवेक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘दीपस्तंभ’ नामक ग्रंथ का प्रकाशन किया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस ग्रंथ के विमोचन समारोह में कहा कि यह ग्रंथ आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगा। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित किया गया था, जहाँ गडकरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।


संघ का योगदान और राष्ट्र निर्माण

नितिन गडकरी ने कहा कि इतिहास कभी नहीं रुकता, इसलिए हमें अपने अतीत से सीख लेनी चाहिए। हमारा राष्ट्र शाश्वत है, और हमें अपनी संस्कृति और धरोहर से प्रेरणा मिलती है। संघ ने हिंदू धर्म और हिंदुत्व के संवाहक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज संघ के विभिन्न संगठन जैसे भारतीय मजदूर संघ, एबीवीपी, विहिप, और अन्य राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।


‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ का महत्व

‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ में सामान्य व्यक्ति को प्रेरित करने वाले विचारों को संकलित किया गया है। यह ग्रंथ भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरणा देगा और संघ की स्थापना के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक होगा।


हिंदी विवेक के योगदान की सराहना

गडकरी ने हिंदी विवेक के वैचारिक योगदान की प्रशंसा की और कहा कि यह एक महत्वपूर्ण व्यासपीठ है। उन्होंने सुझाव दिया कि हिंदी विवेक को सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अपने विचारों को फैलाने की आवश्यकता है।


संघ के 100 वर्षों का सिंहावलोकन

हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने संघ के 100 वर्षों की यात्रा का वर्णन किया और ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ की प्रासंगिकता पर जोर दिया।


धर्म रक्षा और राष्ट्र रक्षा

पद्मश्री रमेश पतंगे ने कहा कि धर्म भारत की आत्मा है और इसके जागरण की आवश्यकता है। धर्म रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा संभव है।


व्यक्ति के चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण

संघ के मुकुल कानिटकर ने कहा कि डॉ. हेडगेवार जी ने व्यक्ति के चरित्र निर्माण पर जोर दिया। उनका मानना है कि यदि समाज में राष्ट्रभाव जागृत हो जाए तो समाज का नेतृत्व इन्हीं लोगों के हाथ में होगा।


समारोह का सफल संचालन

इस कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी विवेक की कार्यकारी संपादक पल्लवी अनवेकर ने किया। समारोह में लेखक, पत्रकार, और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।