हार्ट अटैक के लक्षण और बचाव के उपाय: जानें कैसे करें सही समय पर कार्रवाई
हार्ट अटैक: एक सामान्य समस्या
आजकल हार्ट अटैक एक आम समस्या बन गई है, और इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके पीछे मुख्य कारणों में अस्वस्थ खान-पान, मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, और भारी सामान उठाना शामिल हैं। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है और अक्सर अचानक होती है।
हार्ट अटैक के पूर्व लक्षण
हार्ट अटैक से पहले कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिनसे इसकी संभावना का पता लगाया जा सकता है। इनमें सांस फूलना, अत्यधिक पसीना, सीने में दर्द, उल्टी, चक्कर आना, घबराहट, और पेट में दर्द शामिल हैं।
चक्कर आना: जब दिल कमजोर होता है, तो रक्त का संचार प्रभावित होता है, जिससे चक्कर आना या सिर हलका होना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
शरीर में सूजन: जब दिल को रक्त संचार में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन आ सकती है, खासकर पैरों और टखनों में।
बेवजह थकान: बिना किसी मेहनत के थकान महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में कठिनाई: यदि सांस लेने में कोई समस्या होती है, तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है।
सीने में दर्द: सीने में किसी भी प्रकार की असहजता या दबाव महसूस होना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है।
हार्ट अटैक के दौरान क्या करें
एम्बुलेंस की व्यवस्था करें: हार्ट अटैक के मामले में सबसे पहले एम्बुलेंस बुलाना आवश्यक है।
मरीज को सही स्थिति में रखें: मरीज को जमीन पर सीधा लेटाएं, पैर ऊपर और सिर नीचे रखें।
खांसने के लिए कहें या CPR दें: यदि मरीज होश में है, तो उन्हें जोर से खांसने के लिए कहें। यदि बेहोश हैं, तो CPR का सहारा लें।
सीपीआर देने के लिए, मरीज के सीने को 100 बार प्रति मिनट की दर से दबाएं और 30 बार दबाने के बाद मुंह से सांस दें।
आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद के माध्यम से हार्ट अटैक की संभावना को 80% तक कम किया जा सकता है। यह दिल की अन्य बीमारियों को भी कम करता है।
लौकी का सेवन रक्त की अम्लता को कम करता है, जिससे ब्लॉकेज खुलता है।
लौकी के जूस में तुलसी और पुदीना मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।