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हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सोडियम का महत्व: नमक छोड़ना सही है?

हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि मरीजों को नमक का सेवन कम करना चाहिए, लेकिन क्या इसे पूरी तरह से छोड़ना सही है? इस लेख में जानें कि सोडियम का स्तर क्यों महत्वपूर्ण है और इसे संतुलित रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। जानें कि नमक की जगह क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
 

हाई ब्लड प्रेशर और सोडियम का संबंध

हाई ब्लड प्रेशर और सोडियम लेवलImage Credit source: Getty Images

हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। इससे हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इस स्थिति के कारण कई लोग हाई बीपी से प्रभावित होते हैं। डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि हाई बीपी के मरीजों को नमक का सेवन कम करना चाहिए, लेकिन कभी-कभी इसे पूरी तरह से छोड़ने से शरीर में सोडियम का स्तर घट सकता है।

कई बार शरीर संतुलन बनाए रखने के प्रयास में सोडियम का स्तर कम कर देता है, जिससे कमजोरी, थकान और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सोडियम की कमी से मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।


क्या हाई बीपी में नमक पूरी तरह छोड़ना सही है?

दिल्ली एमसीडी के डॉ. अजय कुमार के अनुसार, नमक को पूरी तरह से छोड़ना उचित नहीं है। शरीर को थोड़ी मात्रा में सोडियम की आवश्यकता होती है ताकि पानी का संतुलन, नसों का कार्य और मांसपेशियों की गतिविधि सही बनी रहे। यदि नमक को पूरी तरह से छोड़ दिया जाए, तो सोडियम की कमी (हायपोनेट्रेमिया) हो सकती है, जिससे चक्कर आना, थकान, उलझन और रक्त दबाव में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सही तरीका यह है कि नमक का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। इसके साथ ही, प्रोसेस्ड फूड, अचार, पापड़ या पैक्ड स्नैक्स जैसे नमकीन पदार्थों से बचें। डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह से आहार में बदलाव करें ताकि शरीर को आवश्यक सोडियम मिले और रक्त दबाव भी नियंत्रित रहे।


इन बातों का ध्यान रखें

नमक की जगह नींबू, जड़ी-बूटियों या मसालों का उपयोग करें।

प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

अपने आहार में पोटैशियम से भरपूर फल और सब्जियां शामिल करें।

दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर में संतुलन बना रहे।

डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं और आहार चार्ट का पालन करें।