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हरी मिर्च की खेती: किसानों के लिए लाभकारी किस्में और तकनीकें

इस लेख में हरी मिर्च की खेती के तरीकों और विभिन्न उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है। किसान अब नई तकनीकों का उपयोग कर अधिक पैदावार और मुनाफा कमा रहे हैं। जानें कि कौन सी किस्में सबसे लाभकारी हैं और कैसे ये किसानों की आमदनी बढ़ा सकती हैं।
 

खेती में बदलाव और हरी मिर्च का महत्व


कृषि के तरीकों में बदलाव आ चुका है। किसान अब उन्नत बीजों का उपयोग कर अधिक फसल प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। अब वे बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है। मिर्च का भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण स्थान है, इसके बिना सब्जियों का स्वाद अधूरा रहता है, इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।


हरी मिर्च की खेती के लाभ

विश्व के लगभग सभी देशों में हरी मिर्च की खेती की जाती है, और किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अच्छी पैदावार के लिए अच्छी किस्म की मिर्च का होना आवश्यक है।


बॉयोसीड अजंता हॉट मिर्च एक उन्नत किस्म है, जो विषाणुजनित बीमारियों के प्रति सहनशील होती है। इसके फल कीटों से सुरक्षित रहते हैं और इसका रंग लाल होता है, जबकि ताजे फल हरे होते हैं। इसका औसत वजन 6-7 ग्राम होता है और इसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है।


उन्नत मिर्च की किस्में

सिजेंटा हॉट एचपीएच 5531 किस्म का पौधा खड़ा रहता है, जिससे यह मजबूत होती है। इसकी उपज जल्दी होती है और मध्यम तीखापन के कारण यह बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है। एक हेक्टेयर में इसकी पैदावार 90-140 क्विंटल होती है।


ननहेम्स इंदु एफ 1 हाईब्रिड हॉट पेपर की पौधें मजबूत होती हैं और इसकी पत्तियाँ गहरी हरी होती हैं। यह किस्म एक्सपोर्ट के लिए भी उपयुक्त है क्योंकि यह लंबे समय तक ताजा रहती है।


वीएनआर रानी 332 एफ 1 हाइब्रिड मिर्च की एक प्रमुख किस्म है, जो जल्दी तैयार होती है और इसकी लंबाई 12-15 सेमी होती है। एक हेक्टेयर में इसका उत्पादन 80-150 क्विंटल तक होता है।


महिको तेज 4 का उपयोग सब्जियों और मसालों में होता है। इसका फल चमकदार लाल रंग का होता है और इसकी पैदावार भी अच्छी होती है। एक हेक्टेयर में इसकी पैदावार 90-160 क्विंटल तक होती है।