हरियाणा विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव पर कांग्रेस का वॉकआउट
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, भाजपा विधायक शक्ति रानी शर्मा ने कालका से एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव पारित तो हुआ, लेकिन कांग्रेस पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए। शक्ति रानी शर्मा ने यह प्रस्ताव कांग्रेस विधायक इंदु राज नरवाल के खिलाफ पेश किया, यह कहते हुए कि 19 दिसंबर को सदन में एक सदस्य ने उनके परिवार से संबंधित सवाल उठाया था, और यह प्रस्ताव उसी का जवाब है।
विशेषाधिकार प्रस्ताव का समर्थन
सत्तारूढ़ दल के 15 विधायकों ने इस विशेषाधिकार प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने इसे पारित कर दिया। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, और आईएनएलडी विधायक अर्जुन चौटाला ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया। इस दौरान, पूर्व मंत्री विनोद शर्मा दर्शक दीर्घा में उपस्थित रहे।
कांग्रेस का वॉकआउट
कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया। सर्वसम्मति से पारित यह विशेषाधिकार प्रस्ताव अब विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा। इससे पहले, शनिवार को कांग्रेस पार्टी का अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा की भाजपा सरकार के खिलाफ विधानसभा में खारिज कर दिया गया था। कांग्रेस विधायक बिगड़ती कानून व्यवस्था, किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे और खराब सड़क स्थितियों का हवाला देते हुए विधानसभा से बाहर चले गए।
राजनीतिक बहस का उभार
कांग्रेस के वॉकआउट और प्रस्ताव की विफलता ने सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी राजनीतिक बहस को जन्म दिया। हरियाणा के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और अरविंद शर्मा ने कांग्रेस की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की, इसे "तुच्छ हथकंडा" बताते हुए समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। बेदी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां राज्य को नुकसान पहुंचाती हैं, जबकि शर्मा ने कांग्रेस की गंभीरता की कमी पर सवाल उठाया।