हरियाणा में नए जिलों और उपमंडलों के गठन की प्रक्रिया तेज
हरियाणा में प्रशासनिक बदलाव की तैयारी
चंडीगढ़। हरियाणा में प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने 11 नए जिलों के गठन के लिए प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इनमें करनाल का असंध, अंबाला का नारायणगढ़, गुरुग्राम के मानेसर और पटौदी, कैथल का पिहोवा, हिसार के हांसी और बरवाला, जींद का सफीदों, सोनीपत का गोहाना और सिरसा का डबवाली शामिल हैं। ये प्रस्ताव स्थानीय निवासियों की मांगों पर आधारित हैं और यदि स्वीकृत होते हैं, तो राज्य का नक्शा काफी बदल सकता है.
नए उपमंडल और तहसील बनाने की योजना
इसके अलावा, 14 नए उपमंडल, चार तहसील और 27 उप तहसील बनाने के प्रस्ताव भी मंत्रियों की उप समिति के पास आए हैं। डबवाली और हांसी को पहले ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है। ये बदलाव नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं, ताकि प्रशासनिक कार्यों में आसानी हो.
पुनर्गठन समिति की बैठक का सारांश
सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में मंगलवार को पुनर्गठन उप-समिति की पांचवीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता विकास एवं पंचायत तथा खनन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने की, जिसमें शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी शामिल थे। बैठक में नए जिलों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों पर विस्तृत चर्चा की गई.
सिफारिशें और भविष्य की योजनाएं
बैठक के बाद, उप समिति के अध्यक्ष पंवार ने बताया कि प्रदेश सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों की मांगों के अनुसार प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक समिति को 73 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हैं.
नए जिलों के गठन के लिए मानदंड
राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और विशेष सचिव कमलेश कुमार भादू की उपस्थिति में हुई बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं। जैसे गांव खुंगा (उपमंडल उचाना) को उपमंडल जींद में शामिल करने और गांव खानपुर रोरण (तहसील पिहोवा) को तहसील थानेसर में जोड़ने के लिए सिफारिश भेजी गई है.
समय सीमा का महत्व
हरियाणा में 31 दिसंबर तक नए जिलों और तहसीलों का गठन नहीं होने पर डेढ़ साल का इंतजार करना पड़ सकता है। अगले साल एक अप्रैल से जनगणना प्रक्रिया शुरू होने वाली है। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा निर्धारित की है। यदि इस समय सीमा के भीतर बदलाव नहीं हुए, तो आगे की कार्रवाई जून 2027 के बाद ही संभव होगी.