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हरियाणा में दहेज प्रथा के खिलाफ अनोखी शादी

हरियाणा के जींद जिले के फुलैया गांव में एक परिवार ने अपने बेटे की शादी में केवल 1 रुपए दहेज लेकर दहेज प्रथा के खिलाफ एक अनोखी मिसाल पेश की है। दुल्हन ने ससुराल पहुंचने पर खुशी जताई कि उसे ऐसे ससुराल मिले हैं जो दहेज के खिलाफ हैं। इस पहल की सराहना करते हुए परिवार ने समाज से दहेज प्रथा को समाप्त करने का संकल्प लिया है। जानें इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में और कैसे यह परिवार समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है।
 

दहेज प्रथा को समाप्त करने की पहल


जींद. हरियाणा के जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र के फुलैया गांव में एक परिवार ने अपने बेटे की शादी में केवल 1 रुपए दहेज लिया है। इस कदम का उद्देश्य समाज में फैली दहेज प्रथा को समाप्त करना है। परिवार ने एक शिक्षित बहू पाकर खुशी जताई है। फुलैया गांव में यह शादी चर्चा का विषय बन गई है। दुल्हन ने ससुराल पहुंचने पर कहा कि यह उसके लिए सौभाग्य की बात है कि उसे ऐसे ससुराल मिले हैं जो दहेज के खिलाफ हैं।


यह परिवार एक रिटायर्ड तहसीलदार का है, जिन्होंने एक गरीब परिवार की शिक्षित बेटी से केवल 1 रुपए दहेज लेकर अपने बेटे की शादी की। आसपास के लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं और सभी परिवारों से बिना दहेज के शादी करने की अपील कर रहे हैं। दुल्हे के पिता, शमशेर सिंह ने बताया कि वे हमेशा से दहेज प्रथा के खिलाफ रहे हैं। उनका परिवार धार्मिक विचारों का पालन करता है और महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलते हुए उन्होंने अपने बेटे की शादी बिना दहेज की।


उन्होंने कहा कि माता-पिता अपनी बेटियों को शिक्षित बनाते हैं, लेकिन शादी के समय उन्हें दहेज का बोझ उठाना पड़ता है, जिससे परिवार पर आर्थिक दबाव बढ़ता है। वे सभी से अपील करते हैं कि अपने बेटों की शादी बिना दहेज के करें और इस बुराई को समाज से समाप्त करने का संकल्प लें। विवाहिता गीतू ने कहा कि वह इस परिवार में आकर बहुत खुश हैं। उनके माता-पिता दहेज देने में असमर्थ थे, लेकिन इस परिवार ने बिना दहेज के उन्हें अपने घर की बहू बनाया है। वह समाज से दहेज जैसी बुराई को मिटाने के लिए सभी युवाओं से आगे आने की अपील करती हैं।