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हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की संदिग्ध आत्महत्या: भ्रष्टाचार के आरोपों का असर?

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आकस्मिक मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनकी आत्महत्या के पीछे तनाव या भ्रष्टाचार के आरोपों का हाथ हो सकता है। जांच में यह सामने आया है कि उनके गनमैन पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था, जिसने आत्महत्या से पहले कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में एक नौ पृष्ठों का अंतिम नोट भी बरामद किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
 

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी की आकस्मिक मृत्यु

हरियाणा कैडर के एक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार की अचानक मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की। क्या वह मानसिक तनाव में थे, या इसके पीछे कोई और कारण था? जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह संदेह बढ़ रहा है कि भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों ने उनके इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो सकती है। मंगलवार को, वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर कथित तौर पर आत्महत्या की। उनका शव घर के बेसमेंट में गोली लगने के निशान के साथ पाया गया। 52 वर्षीय अधिकारी, जो 2001 बैच के हैं, हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में महानिरीक्षक के रूप में तैनात किए गए थे।


भ्रष्टाचार के आरोप और जांच

सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार के गनमैन, हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस हिरासत में, सुशील ने स्वीकार किया कि उसने आईपीएस अधिकारी के निर्देश पर मासिक रिश्वत मांगी थी। दो दिन पहले, रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में सुशील कुमार के खिलाफ एक शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई थी। रोहतक पुलिस के अनुसार, सुशील ने कारोबारी से 2 से 2.5 लाख रुपये की मासिक रिश्वत मांगी थी। इस मामले से संबंधित एक ऑडियो क्लिप मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।


स्थानांतरण और अंतिम नोट

29 सितंबर को, सरकार ने पूरन कुमार को रोहतक रेंज के आईजी पद से पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (पीटीसी), सुनारिया के आईजी पद पर स्थानांतरित कर दिया। इस स्थानांतरण को पुलिस विभाग में एक सज़ा के रूप में देखा गया। चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार, घटनास्थल से अन्य साक्ष्यों के साथ एक 'वसीयत' और 'अंतिम नोट' भी बरामद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह नोट नौ पृष्ठों का है।