हरियाणा के नए डीजीपी ओपी सिंह का विवादास्पद बयान और करियर की झलक
हरियाणा पुलिस में बदलाव के बाद ओपी सिंह का बयान
हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। नए डीजीपी ओपी सिंह अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए हैं। हाल ही में, उन्होंने थार और बुलेट जैसी गाड़ियों के बारे में एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया। ओपी सिंह का कहना है कि आजकल के अपराधी और कुछ युवा जिन गाड़ियों का चयन करते हैं, वह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग थार चलाते हैं, उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। उनके इस बयान ने हरियाणा पुलिस के नए नेतृत्व को सुर्खियों में ला दिया है।
ओपी सिंह का करियर और डीजीपी का पद
ओपी सिंह, जो 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, ने 14 अक्टूबर को शत्रुजीत कपूर की छुट्टी के बाद हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) का अतिरिक्त कार्यभार संभाला। इससे पहले, वे हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में राज्यभर में पुलिसकर्मियों के आवास और प्रशासनिक भवनों के निर्माण में तेजी आई है.
महत्वपूर्ण विभागों में योगदान
ओपी सिंह ने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। उन्हें एक सख्त, अनुशासित और परिणाम-उन्मुख अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
बिहार से संबंध और सुशांत सिंह राजपूत का कनेक्शन
ओपी सिंह का जन्म बिहार के जमुई जिले में हुआ था, और उन्होंने अपनी बीए की पढ़ाई पूरी की है। व्यक्तिगत जीवन में, उनका दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से भी संबंध है, क्योंकि वे उनके जीजा हैं।
सम्मान और विवादास्पद बयान
अपने करियर में ओपी सिंह को 2008 में पुलिस पदक और 2017 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। हाल ही में, बुलेट और थार जैसी गाड़ियों पर उनके बयान ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी है। हालांकि, उनका उद्देश्य युवाओं और अपराधियों के दिखावटी रुझानों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना था.