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हरियाणा के एडीजीपी पूरन कुमार की आत्महत्या: चंडीगढ़ में मिली लाश

हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या कर ली है, उनका शव चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास पर मिला। उनकी पत्नी वर्तमान में जापान में हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और घटनास्थल से एक पिस्तौल बरामद की है। पूरन कुमार ने हाल ही में आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर सवाल उठाए थे। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

हरियाणा के एडीजीपी की आत्महत्या की घटना

हरियाणा के एडीजीपी रैंक के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या कर ली है। उनका शव चंडीगढ़ स्थित उनके सरकारी आवास पर पाया गया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, उनकी पत्नी अमनपीत पी, जो एक आईएएस अधिकारी हैं, वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान में हैं। वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में निवास करते थे। घटना की सूचना मिलने के बाद उन्हें तुरंत सेक्टर 16 के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


पुलिस जांच और घटनाक्रम

एडीजीपी पूरन कुमार पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया में कार्यरत थे और हाल ही में उनका तबादला हुआ था। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ उनके आवास पर पहुंचकर जांच शुरू की। पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन एक पिस्तौल बरामद की गई है। पुलिस घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और मामला दर्ज कर लिया गया है।


घटना के समय की जानकारी

सूत्रों के अनुसार, आईपीएस अधिकारी ने सोमवार को एक गनमैन से बंदूक ली थी। मंगलवार को जब उनकी बेटी बेसमेंट में पहुंची, तो उन्होंने अपने पिता को घायल अवस्था में पाया। बेटी ने ही इस घटना की जानकारी अन्य लोगों को दी।


आईपीएस अधिकारी की पहचान और विवाद

पूरन कुमार हरियाणा कैडर के एक प्रतिष्ठित आईपीएस अधिकारी थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह अक्सर विभिन्न मुद्दों पर सरकार के समक्ष अपनी बात रखते थे। हाल ही में, उन्होंने आईपीएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर सरकार से शिकायत की थी।


प्रमोशन पर उठाए थे सवाल

वाई पूरन कुमार ने पिछले वर्ष कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि ये प्रमोशन गलत तरीके से किए गए हैं। उन्होंने वित्त विभाग पर आरोप लगाया था कि उसने गृह मंत्रालय के नियमों की अनदेखी की है। इसके अलावा, साल 2020 में उन्होंने तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे।