हरियाणा के आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या: सुसाइड नोट में गंभीर आरोप
आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और सुसाइड नोट के खुलासे
हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा छोड़े गए आठ पन्नों के सुसाइड नोट ने राज्य के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस नोट में 10 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिन पर जाति-आधारित भेदभाव, पेशेवर अपमान और प्रशासनिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कुमार की पत्नी, अमनीत पी कुमार, जो खुद एक आईएएस अधिकारी हैं, ने चंडीगढ़ के पुलिस स्टेशन 11 में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
चंडीगढ़ पुलिस ने वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में उनके द्वारा छोड़े गए नोट में उल्लेखित आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक सरकारी बयान में बताया गया कि कुमार ने अपने नोट में यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना किया।
कुमार ने मंगलवार को अपने घर में कथित तौर पर आत्महत्या की। चंडीगढ़ पुलिस ने कहा कि नोट में उल्लिखित आरोपियों के खिलाफ अत्याचार रोकथाम अधिनियम की धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) और 3(1)(आर) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच जारी है।
चंडीगढ़ पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वे आरोपों की जांच करेंगे। वाई पूरण कुमार (52) को हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का महानिरीक्षक नियुक्त किया गया था।
अमनीत पी कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। कुछ दलित संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
शाम को, सैनी ने इस मामले से जुड़े घटनाक्रमों पर चर्चा करने के लिए अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस मामले में कुछ कार्रवाई पर विचार कर सकती है।