हरदीप सिंह पुरी ने 1984 के नरसंहार पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
कांग्रेस के नेता इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
कांग्रेस और उसके नेता आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जिनकी 1984 में उनके दो सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सिख समुदाय पर हुए अत्याचारों का उल्लेख किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर अपने दर्द को व्यक्त किया।
उन्होंने लिखा, "आज हम स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक की बरसी मना रहे हैं। 1984 के उन दिनों को याद करके आज भी सिहर उठता हूं जब निर्दोष सिखों का बेरहमी से कत्लेआम किया गया और उनकी संपत्तियों को लूट लिया गया। यह सब इंदिरा गांधी की हत्या का 'बदला' लेने के नाम पर हुआ।"
पुलिस की मूकदर्शक भूमिका
‘रक्षक ही अपराधी बन गए’
हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा, "यह वह समय था जब पुलिस मूकदर्शक बनी रही, जबकि सिखों को उनके घरों से बाहर निकाला जा रहा था और उन्हें जिंदा जलाया जा रहा था। रक्षक ही अपराधी बन गए थे।"
कांग्रेस की भूमिका पर सवाल
‘कांग्रेस ने नरसंहार को संभव बनाया’
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कांग्रेस के नेता गुरुद्वारों के बाहर भीड़ का नेतृत्व करते हुए देखे गए, जबकि पुलिस ने केवल मूकदर्शक की भूमिका निभाई। कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्थाओं ने इन नेताओं को खुली छूट दी।
उन्होंने कहा, "वर्षों बाद, नानावटी आयोग ने भी इस बात की पुष्टि की कि कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ विश्वसनीय सबूत हैं जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया और हमलों को उकसाया। कांग्रेस ने नरसंहार को रोकने में विफल नहीं रही, बल्कि इसे संभव बनाया।"
पुरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक सिख विरोधी हिंसा को नकारा और अपराधियों को संरक्षण दिया।