हज़रतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को क्षतिग्रस्त करने की घटना पर प्रतिक्रिया
हज़रतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का क्षतिग्रस्त होना
जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड ने हज़रतबल दरगाह के पुनर्निर्माण और विकास के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को तोड़ने की घटना की निंदा की है। इस घटना का एक वायरल वीडियो सामने आया है, जिसमें दिखाया गया है कि एक भीड़ ने राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को नुकसान पहुँचाया। भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. दरख़्शां अंद्राबी ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक आतंकवादी हमले के समान है और हमलावर एक राजनीतिक दल के गुंडे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग पहले भी कश्मीर को नुकसान पहुँचा चुके हैं और अब दरगाह शरीफ़ में घुस आए हैं। डॉ. अंद्राबी ने कहा कि प्रशासन बाल-बाल बचा और भीड़ ने उन पर भी हमला किया। इस घटना को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा अपराध है, जिसने दरगाह की गरिमा को ठेस पहुँचाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि पहचान होने पर हमलावरों को आजीवन दरगाह में प्रवेश से प्रतिबंधित किया जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
डॉ. अंद्राबी का बयान और नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रतिक्रिया
डॉ. अंद्राबी ने अपने बयान में कहा कि हज़रतबल के जीर्णोद्धार का उद्देश्य इसकी पवित्रता और जनता के विश्वास को बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे शर्मनाक कृत्यों को उनके प्रयासों को विफल नहीं करने दिया जाएगा। दरगाहें इबादत और सम्मान की जगहें हैं, और किसी को भी यहाँ राजनीति करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तनवीर सादिक ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा कि यह तौहीद की मूल इस्लामी मान्यता के खिलाफ है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि भले ही वह धार्मिक विद्वान नहीं हैं, लेकिन इस्लाम में मूर्ति पूजा की सख्त मनाही है। सादिक ने कहा कि दरगाह के अंदर अशोक चिह्न रखना इस सिद्धांत के खिलाफ है और पवित्र स्थानों में केवल तौहीद की पवित्रता होनी चाहिए। दरगाह के आंतरिक भाग का नवीनीकरण और उद्घाटन बुधवार को किया गया।