हज और उमराह: जानें इन दोनों धार्मिक यात्राओं के बीच का अंतर
हज और उमराह: एक परिचय
हज और उमराह
हज और उमराह में अंतर: हज हर मुसलमान के लिए अनिवार्य है, जो इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। हर मुसलमान को अपने जीवन में एक बार हज करना चाहिए। दुनिया भर से मुसलमान सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए आते हैं और वहां काबा का तवाफ करते हैं। इसके अलावा, मुसलमान एक अन्य पवित्र यात्रा पर भी जाते हैं, जिसे उमराह कहा जाता है। उमराह की भी इस्लाम में महत्वपूर्ण भूमिका है। अक्सर लोग हज और उमराह के बीच के अंतर को समझने में भ्रमित हो जाते हैं। आइए, इस पर चर्चा करते हैं।
हज और उमराह में मुख्य अंतर
हज और उमराह में क्या अंतर है?
हज और उमराह के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। पहला यह है कि हज इस्लाम का पांचवां स्तंभ है, जो हर सक्षम मुसलमान के लिए अनिवार्य है। जबकि, उमराह एक छोटा हज है और यह फर्ज नहीं है। उमराह एक नफ्ल इबादत है, जिसे साल भर किया जा सकता है। इसमें समय कम लगता है और इसमें हज के सभी अनुष्ठान जैसे अराफात में रुकना या कुर्बानी देना शामिल नहीं होते हैं।
हज और उमराह की विशेषताएँ
हज और उमराह में क्या अंतर है?
जो मुसलमान स्वस्थ और आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उनके लिए हज करना अनिवार्य है। दूसरी ओर, उमराह पूरी तरह से मुसलमान की इच्छा पर निर्भर करता है। हज का एक निश्चित समय होता है, जो साल में एक बार आता है। जबकि उमराह किसी भी समय किया जा सकता है। हज में एहराम पहनना, काबे का तवाफ करना, सफा और मरवा के बीच दौड़ना, मीना में शैतान पर पत्थर फेंकना, कुर्बानी देना और बाल कटवाना शामिल है। उमराह में एहराम बांधना, काबे का तवाफ करना और सई करना शामिल है।