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स्पर्म डोनेशन की प्रक्रिया: जानें कैसे होता है दान और इसकी जांच

स्पर्म डोनेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें पुरुष अपने वीर्य का दान करते हैं ताकि अन्य लोग संतान उत्पन्न कर सकें। इस लेख में, हम स्पर्म डोनेशन की प्रक्रिया, दान से पहले की जांच, और भारत में इसकी लागत के बारे में विस्तार से जानेंगे। जानें कि कैसे एक दाता बनना है और इसके लिए क्या आवश्यकताएँ हैं।
 

स्पर्म डोनेशन क्या है?

स्पर्म डोनेशन एक प्रक्रिया है जिसमें पुरुष अपने वीर्य का दान करता है, जिसका उपयोग बाद में किसी को संतान उत्पन्न करने में सहायता के लिए किया जाता है।


दान किए गए सीमन का उपयोग

दान किए गए सीमन का उपयोग सहायक प्रजनन तकनीक में दो प्रमुख विधियों में किया जा सकता है। पहली विधि अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI) है, जिसमें दान किए गए शुक्राणु को महिला के गर्भाशय में रखा जाता है। दूसरी विधि, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF), में दान किए गए सीमन का उपयोग भ्रूणविज्ञान प्रयोगशाला में स्वस्थ अंडाणुओं को निषेचित करने के लिए किया जाता है, और फिर भ्रूण को महिला के गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है। यह प्रक्रिया बांझ व्यक्तियों या जोड़ों को माता-पिता बनने में मदद करती है।


स्पर्म डोनेशन से पहले की जांच प्रक्रिया

स्पर्म डोनेशन से पहले, दाता की स्वास्थ्य स्थिति और बीमारियों की जांच की जाती है। इसमें उसके परिवार के पिछले दो पीढ़ियों का मेडिकल इतिहास भी शामिल होता है। यदि किसी वंशानुगत बीमारी का पता चलता है, तो वह दान नहीं कर सकता।


अधिकतर स्पर्म बैंक 18 से 35 वर्ष के पुरुषों को दान करने की अनुमति देते हैं। दाता के रक्त की जांच कुछ आनुवंशिक बीमारियों और संक्रमणों के लिए की जाती है।


इसके अलावा, दाता के वीर्य में स्पर्म की मात्रा, गुणवत्ता और गति की भी जांच की जाती है।


स्पर्म डोनेशन की प्रक्रिया

चरण 1: पंजीकरण
स्पर्म डोनेशन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए, आपको एक मान्यता प्राप्त स्पर्म बैंक में पंजीकरण कराना होता है। यहाँ आपकी योग्यता, आयु, जाति, स्वास्थ्य, यौन साथी और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास की जानकारी मांगी जाती है।


चरण 2: स्क्रीनिंग प्रक्रिया
यदि कोई पुरुष प्रारंभिक जांच में सफल होता है, तो उसे संक्रमण और आनुवंशिक बीमारियों की जांच के लिए बुलाया जाता है।


चरण 3: कागजी कार्रवाई
यदि कोई पुरुष स्पर्म डोनर के रूप में चुना जाता है, तो उसे कानूनी सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने होते हैं।


चरण 4: स्पर्म डोनेशन
डोनर को एक निजी कमरे में ताजा वीर्य का नमूना देना होता है।


चरण 5: स्पर्म स्टोरेज
जब डोनर अपना ताजा सीमन नमूना देता है, तो विशेषज्ञ उसकी गुणवत्ता की जांच करते हैं।


चरण 6: मुआवज़ा
स्पर्म की गुणवत्ता की पुष्टि के बाद, डोनर को उसके स्पर्म नमूने के लिए मुआवज़ा दिया जाता है।


भारत में स्पर्म डोनेशन की लागत

भारत में स्पर्म डोनेशन की लागत आमतौर पर दाता को नहीं चुकानी पड़ती। यह खर्च इच्छुक माता-पिता उठाते हैं।


डोनर स्पर्म की औसत कीमत ₹8,000 से ₹10,000 होती है, लेकिन यह गुणवत्ता, स्थान और स्पर्म बैंक पर निर्भर करती है।