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स्कॉटलैंड में पति को मिली 20 साल की सजा, गर्भवती पत्नी की हत्या का मामला

स्कॉटलैंड में काशिफ अनवर को अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई है। यह मामला तब सामने आया जब अनवर ने अपनी पत्नी को आर्थर सीट की पहाड़ियों से धक्का दे दिया। फौजिया के अंतिम शब्दों ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की सच्चाई।
 

गर्भवती पत्नी के साथ हैवानियत का मामला


स्कॉटलैंड की एक अदालत ने काशिफ अनवर नामक व्यक्ति को 20 साल की सजा सुनाई है। उसने अपनी गर्भवती पत्नी के साथ जो किया, वह अत्यंत क्रूरता का उदाहरण है। उसकी पत्नी के अंतिम शब्दों ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।


आर्थर सीट की पहाड़ियों पर हुई घटना

एडिनबर्ग की आर्थर सीट की पहाड़ियों पर, जहां पर्यटक अक्सर घूमने आते हैं, काशिफ ने अपनी 17 हफ्ते की गर्भवती पत्नी को लाकर उसे धक्का दे दिया। उसने पहले उसे खाना खिलाया और फिर सूर्यास्त देखने के बहाने ऊंचाई पर ले गया। वहां उसने अपनी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया और फिर उसे 50 फीट नीचे धक्का दे दिया।


शादी के बाद का बुरा बर्ताव

काशिफ और फौजिया की शादी हाल ही में हुई थी। फौजिया एक वकील थी और उनकी मुलाकात एक चश्मे की दुकान में हुई थी। शादी के बाद, काशिफ का बर्ताव बदल गया और वह फौजिया के साथ दुर्व्यवहार करने लगा। फौजिया ने अपनी मां से इस बारे में बात की और अपने रिश्ते से बाहर निकलने का फैसला किया।


छुट्टियों में हुई त्रासदी

1 सितंबर 2021 को, दोनों एडिनबर्ग में छुट्टियां मनाने गए थे। फौजिया ने अपने पति के साथ खुश रहने का प्रयास किया, लेकिन उसने तय कर लिया था कि वह वापस लौटकर काशिफ से अलग हो जाएगी। लेकिन अनवर ने उसे पहाड़ियों से धक्का दे दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।


पुलिस को दी गई गवाही

जब फौजिया को गिरते हुए देखा गया, तो एक व्यक्ति ने पुलिस को बुलाया। फौजिया ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने उसे धक्का दिया था। उसने अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। लेकिन, इससे पहले कि उसे बचाया जा सके, फौजिया को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।


अनवर की झूठी कहानी

अनवर ने अदालत में दावा किया कि वह अपनी पत्नी का हत्यारा नहीं है, बल्कि यह एक दुर्घटना थी। लेकिन गवाहियों के आधार पर, अदालत ने उसे दोषी पाया और 20 साल की सजा सुनाई।