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सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, जो इस साल लगभग 51% बढ़ी है। Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतें दिसंबर 2026 तक 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। इस लेख में जानें कि सोने की इस तेजी के पीछे क्या कारण हैं, जैसे ब्याज दरों में संभावित कटौती, निवेशकों की नई रणनीतियाँ, और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी। क्या यह निवेश का सही समय है? जानें विशेषज्ञों की राय।
 

सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

सोने की कीमतों का हाल : सोने की चमक और रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही! इस साल की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में लगभग 51% की शानदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। 7 अक्टूबर 2025 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 3,977.19 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई पर ट्रेड कर रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की यह तेजी अभी रुकने वाली नहीं है, क्योंकि घरेलू और वैश्विक स्तर पर कई कारक सोने को और मजबूती दे रहे हैं।

Goldman Sachs की भविष्यवाणी

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सोने की कीमतें अभी और बढ़ेंगी। फर्म का अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक सोना 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जो मौजूदा स्तर से 23% की और वृद्धि दर्शाता है। भारतीय रुपये में, सोने की कीमत 1.54 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। इसका मतलब है कि अगले दो वर्षों में निवेशकों को सोने से भारी मुनाफा मिल सकता है। आइए जानते हैं कि सोने की इस तेजी के पीछे क्या कारण हैं।

ब्याज दरों में कटौती से सोने को मिलेगा बूस्ट

Goldman Sachs के अनुसार, अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद सोने को मजबूत समर्थन दे रही है। फेडरल रिजर्व 2026 के मध्य तक लगभग 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। इस कदम से ETF निवेश में तेजी आ सकती है। CME FedWatch Tool के अनुसार, बाजार ने अक्टूबर और दिसंबर में 25-25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती की संभावना को क्रमशः 93% और 82% तक प्राइस कर लिया है। यह सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है।

निवेशकों की नई रणनीति

रिपोर्ट में बताया गया है कि निवेशकों की डाइवर्सिफिकेशन रणनीति भी सोने की कीमतों को बढ़ा रही है। निवेशक अब शेयर बाजार और बांड्स की अस्थिरता से बचने के लिए सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। सोना एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में उनकी पहली पसंद बन रहा है, जो इसकी मांग को और बढ़ा रहा है।

सेंट्रल बैंकों की सोने की खरीदारी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सेंट्रल बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। Goldman Sachs का अनुमान है कि 2025 में यह खरीद 80 मीट्रिक टन और 2026 में 70 मीट्रिक टन तक हो सकती है। यह वैश्विक स्तर पर सोने की मांग को और बढ़ाएगा।

कमजोर डॉलर और भू-राजनीतिक तनाव

कमजोर होता अमेरिकी डॉलर, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों का सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुझान भी सोने को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक सोना निवेश की दुनिया का सुपरस्टार बन सकता है।

क्या अब सोने में निवेश करना चाहिए?

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में लंबी अवधि का निवेश अभी भी सुरक्षित और फायदेमंद है। अगर Goldman Sachs की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो अगले दो वर्षों में सोना अपने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ सकता है। जो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखते हुए अच्छा रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए सोना एक शानदार विकल्प हो सकता है।