सैफ अली खान की संपत्ति पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 1500 करोड़ की संपत्ति हुई शत्रु संपत्ति
सैफ अली खान को मिला बड़ा झटका
पटौदी परिवार से जुड़े अभिनेता सैफ अली खान को हाल ही में एक बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने उनकी 15,000 करोड़ रुपये की पारिवारिक संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है। यह संपत्ति लंबे समय से विवाद का विषय रही है, और अब केंद्र सरकार ने निचली अदालत के निर्णय को रद्द कर दिया है।
इस फैसले में सैफ अली खान, उनकी बहनें सोहा और सबा अली खान, तथा उनकी मां शर्मिला टैगोर को भोपाल की संपत्तियों का उत्तराधिकारी माना गया था।
संपत्ति का बंटवारा
नवाब हमीदुल्ला खान के अन्य उत्तराधिकारियों ने इस निर्णय को चुनौती दी है, यह कहते हुए कि संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के अनुसार होना चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत यह निर्णय लिया है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया, तो उसकी संपत्तियां भारत में सरकार के अधीन आ जाती हैं।
इन संपत्तियों में सैफ अली खान का बचपन का घर फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-अस-सबा पैलेस, दार-अस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा संपत्ति शामिल हैं।
सरकार ने जारी किया नोटिस
इस निर्णय ने सैफ अली खान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार ने 2014 में नोटिस जारी किया था, जिसका सैफ ने 2015 में विरोध किया था और कोर्ट से स्टे ले लिया था। लेकिन 13 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने उस स्टे को हटा दिया। अब कोर्ट ने सैफ और उनके परिवार को दावा दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया था, लेकिन इस बीच कोई दावा दायर नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को फिर से सुनवाई शुरू करने और एक साल के भीतर मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है। इससे भोपाल राजपरिवार की विरासत का पूरा ढांचा बदल सकता है।
सैफ का पाकिस्तान से संबंध
इस स्थिति को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि सैफ अली खान की दादी की तीन बहनें थीं, जिनमें से एक बहन भारत छोड़कर पाकिस्तान में बस गई। नवाब हमीदुल्ला खान की तीन बेटियाँ थीं, जिनमें से सैफ की दादी साजिदा सुल्तान दूसरी थीं। साजिदा की बड़ी बहन आबिदा सुल्तान पाकिस्तान में बस गईं।
सरकार का कहना है कि चूंकि एक वारिस पाकिस्तान चला गया है, इसलिए यह संपत्ति शत्रु संपत्ति बन जाती है।