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सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच समन्वय अनिवार्य है। उन्होंने जीएसटी में कटौती के प्रभावों पर भी चर्चा की, जो रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगी। जनरल द्विवेदी ने भविष्य के युद्धों में तकनीकी उपकरणों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उनके विचारों से यह स्पष्ट होता है कि सेना को विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल बनाने की आवश्यकता है।
 

सेना प्रमुख का बयान

जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना के प्रमुख, ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच क्षमताओं का एकीकरण अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह केवल समय की बात है कि यह प्रक्रिया कब पूरी होगी। यदि किसी को विभिन्न एजेंसियों के साथ काम करना है, तो 'थियेटरीकरण' ही इसका समाधान है। यह टिप्पणी उन्होंने मानेकशॉ सेंटर में 'ऑपरेशन सिंदूर: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडियाज़ डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान' नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर की।


एकीकरण की आवश्यकता

जनरल द्विवेदी ने कहा कि यदि किसी को कई एजेंसियों के साथ समन्वय करना है, तो एकीकरण ही इसका सही उपाय है। उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान सेना अकेले नहीं लड़ती, बल्कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) भी शामिल होते हैं। इसके अलावा, रक्षा साइबर और अंतरिक्ष एजेंसियां भी इस प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं।


जीएसटी में कमी का प्रभाव

उन्होंने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि रक्षा गलियारों में तेजी आएगी, जिससे अधिक निवेश संभव होगा। जीएसटी में कमी से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी लाभ होगा। जनरल द्विवेदी ने बताया कि सेना अनुसंधान, प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और जीएसटी में कमी से इन क्षेत्रों को भी फायदा होगा।


भविष्य के युद्धों में तकनीकी भूमिका

भारी उपकरणों पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के निर्णय का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने निहत्थे हवाई वाहनों (यूएवी) पर कर कटौती के महत्व पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि भविष्य के युद्धों में ड्रोन और यूएवी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


नियंत्रण रेखा पर स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) की स्थिति पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि हमें इसके प्रभाव को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद अभी भी जारी है और नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशें लगातार हो रही हैं।