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सेक्स की आवृत्ति और उम्र बढ़ने का संबंध: अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

हाल ही में एक अध्ययन ने यह दर्शाया है कि सेक्स की आवृत्ति और उम्र बढ़ने के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 5,000 से अधिक वयस्कों पर अध्ययन किया और पाया कि जो लोग सप्ताह में 3 बार से कम सेक्स करते हैं, उनमें उम्र बढ़ने के स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं। इस लेख में, हम सेक्स की आदर्श आवृत्ति, इसके स्वास्थ्य लाभ और विशेषज्ञों की राय पर चर्चा करेंगे। क्या आप जानते हैं कि नियमित सेक्स से तनाव कम होता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है? जानें और साझा करें!
 

सेक्स और उम्र बढ़ने का संबंध


हाल ही में एक अध्ययन ने यह स्पष्ट किया है कि सेक्स की आवृत्ति और उम्र बढ़ने के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 5,000 से अधिक वयस्कों पर 5 वर्षों तक अध्ययन किया।


इस अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग सप्ताह में 3 बार से कम सेक्स करते हैं, उनमें 40 वर्ष की आयु तक उम्र बढ़ने के स्पष्ट संकेत दिखाई देने लगते हैं। ये संकेत बाहरी और आंतरिक दोनों प्रकार के होते हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, चेहरे पर झुर्रियाँ, बालों का सफेद होना और ऊर्जा स्तर में कमी।


सेक्स की आदर्श आवृत्ति

अध्ययन के अनुसार, सेक्स की आवृत्ति के विभिन्न स्तरों के प्रभाव इस प्रकार हैं:


  • प्रति सप्ताह 1 बार या उससे कम: त्वरित बुढ़ापा (15% छोटे टेलोमेरेस)
  • प्रति सप्ताह 2-3 बार: सामान्य बुढ़ापा (कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं)
  • प्रति सप्ताह 3-4 बार: सर्वोत्तम परिणाम (20% लंबे टेलोमेरेस)
  • प्रति सप्ताह 5+ बार: थकान और हार्मोनल असंतुलन (नकारात्मक प्रभाव)


अध्ययन में यह भी देखा गया कि जो जोड़े लंबे समय तक साथ रहते हैं और नियमित रूप से सेक्स करते हैं, उनमें अवसाद और तलाक की दर कम होती है।


संभोग की आवृत्ति के लाभ

संभोग की आवृत्ति बढ़ाने के 5 प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:


  1. बुढ़ापा धीमा करता है: नियमित संभोग टेलोमेरेस को लंबा रखता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
  2. तनाव कम करता है: सेक्स के दौरान ऑक्सीटोसिन का स्राव होता है, जो चिंता और तनाव को कम करता है।
  3. हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा: सप्ताह में 3-4 बार सेक्स करने से रक्त संचार बेहतर होता है।
  4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: नियमित सेक्स करने वालों में इम्युनोग्लोबुलिन ए का स्तर अधिक होता है।
  5. नींद में सुधार करता है: संभोग के बाद प्रोलैक्टिन का स्राव गहरी नींद में मदद करता है।


विशेषज्ञों की राय

डॉ. एमिली कार्टर (हार्वर्ड मेडिकल स्कूल) के अनुसार, "हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि सेक्स की आवृत्ति बढ़ाने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।"


दिल्ली के प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. राजीव शर्मा का कहना है, "भारतीय समाज में संभोग की आवृत्ति पर खुलकर बात नहीं होती, लेकिन यह स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण पहलू है।"


संभोग की आदर्श आवृत्ति

शोध के अनुसार, सप्ताह में 3-4 बार संभोग करना आदर्श माना जाता है। यह न केवल आपको युवा बनाए रखेगा, बल्कि तनाव, हृदय रोग और अनिद्रा से भी बचाएगा। हालांकि, अत्यधिक संभोग (सप्ताह में 5+ बार) हानिकारक हो सकता है।


प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: सप्ताह में कितनी बार संभोग करना चाहिए?

उत्तर: शोध के अनुसार, 3-4 बार आदर्श है।


प्रश्न: क्या संभोग की कम आवृत्ति उम्र बढ़ने का कारण बनती है?

उत्तर: हाँ, कम संभोग दर टेलोमेरेस को छोटा करती है।


प्रश्न: क्या अत्यधिक संभोग हानिकारक है?

उत्तर: हाँ, सप्ताह में 5+ बार संभोग करने से थकान हो सकती है।


प्रश्न: संभोग दर बढ़ाने के क्या लाभ हैं?

उत्तर: कम तनाव, स्वस्थ हृदय और बेहतर नींद।


प्रश्न: क्या संभोग उम्र बढ़ने से रोकता है?

उत्तर: हाँ, नियमित संभोग दर टेलोमेरेस को लंबा करती है।