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सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी, राइवलरी पर उठाए सवाल

सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट राइवलरी पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह राइवलरी अब कमजोर हो चुकी है, और आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए उनके बयान ने पाकिस्तान की स्थिति को स्पष्ट किया। जानें सूर्या ने क्या कहा और इस राइवलरी के पीछे के आंकड़े क्या हैं।
 

सूर्यकुमार यादव का बयान

सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की राइवलरी पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह राइवलरी कमजोर होती जा रही है। एशिया कप 2025 के सुपर-4 मैच में पाकिस्तान पर जीत के बाद, सूर्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बयान दिया जो पाकिस्तान की स्थिति को स्पष्ट करता है।


सवाल पर सूर्या का जवाब

सवाल पर भड़के सूर्या, दे दिया करारा जवाब

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सूर्या से पूछा, “क्या आपको लगता है कि पाकिस्तान ने आज बेहतर प्रदर्शन किया?” इस सवाल का जवाब देते हुए सूर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “सर, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि राइवलरी अब नाम की भी नहीं रही।”


राइवलरी की स्थिति

अब मुकाबला बराबरी का नहीं रहा

सूर्या ने आगे कहा कि राइवलरी तब होती है जब दोनों टीमें बराबरी पर हों। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर दो टीमों के बीच 15-20 मैच हों और उसमें स्कोर 7-7 या 8-7 हो, तो बात समझ में आती है। लेकिन जब एक टीम लगातार जीत रही हो, तो राइवलरी की बात करना बेकार है।”


सूर्या का बयान और आंकड़े

ऑन कैमरा कर दी बेइज्जती

प्रेस कॉन्फ्रेंस का यह सवाल सूर्या का आखिरी सवाल था। उन्होंने मुस्कुराते हुए “गुड नाइट” कहा और वहां से चले गए। उनके शब्दों ने पाकिस्तान क्रिकेट की सच्चाई को उजागर किया।

आंकड़े साबित करते हैं सूर्या की बात

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में अब तक 21 बार मुकाबला हुआ है, जिसमें भारत ने 12 बार जीत हासिल की है, जबकि पाकिस्तान केवल 6 बार जीत सका है। T20 इंटरनेशनल में भी भारत ने 11 बार जीत दर्ज की है, जबकि पाकिस्तान ने सिर्फ 3 बार जीत हासिल की है। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारत का पलड़ा पाकिस्तान पर भारी है।


संक्षेप में

संछेप में

सूर्या ने जिस तरीके से पाकिस्तान की राइवलरी को चुनौती दी, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब इस मुकाबले को एक चुनौती के रूप में नहीं देखता। यह पाकिस्तान के लिए एक कड़वा सच है, जिसे स्वीकार करना मुश्किल है।