सूअर का मांस: इस्लाम में निषिद्ध होने के पीछे के कारण
धार्मिक दृष्टिकोण
नई दिल्ली: मुस्लिम धर्म में सूअर का मांस खाना हराम माना जाता है। यह मान्यता इस्लाम की पवित्र किताब 'कुरान' और हदीस पर आधारित है। आइए, इस नियम के पीछे के कारणों और वैज्ञानिक तथ्यों को समझते हैं।
धार्मिक कारण
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मुसलमानों के लिए सूअर का मांस (पोर्क) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे स्पष्ट रूप से निषिद्ध माना गया है। सूअर का मांस न खाने का मुख्य कारण इस्लामी धार्मिक ग्रंथों में दिए गए निर्देश हैं। कुरान की आयतें '(2:173), (5:3), (16:115) और (6:145)' में सूअर का मांस खाने को हराम बताया गया है। कुरान में कहा गया है कि सूअर का मांस अशुद्ध और हानिकारक है। यह धार्मिक नियम मुसलमानों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे वे अपनी आस्था के साथ पालन करते हैं।
आयत 2:173 में उल्लेखित
“उसने तुम पर मरा हुआ जानवर, रक्त, सूअर का मांस और वह (जानवर) जिस पर अल्लाह के सिवा किसी और का नाम लिया गया हो, हराम किया है।”
पवित्रता और स्वच्छता
इस्लाम में स्वच्छता और पवित्रता को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सूअर को एक गंदा जानवर माना जाता है क्योंकि यह मल-मूत्र और गंदगी खाता है। इसके कारण सूअर के शरीर में परजीवी और अन्य हानिकारक जीवाणु पनप सकते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक और स्वच्छता से संबंधित पहलू भी सूअर का मांस न खाने के पीछे दिए जाते हैं।
वैज्ञानिक कारण
सूअर के मांस में 'ट्राइकोनेला स्पाइरलिस' नामक परजीवी पाया जाता है, जो 'ट्राइकिनोसिस' नामक बीमारी का कारण बनता है। यह बीमारी इंसानों में मांसाहार के माध्यम से फैल सकती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। सूअर का मांस अन्य जानवरों की तुलना में अधिक वसा और विषाक्त पदार्थों से भरा होता है, जो इंसान के पाचन तंत्र और हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि सूअर के मांस में कई प्रकार के खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अन्य धर्मों में भी निषेध
यह केवल इस्लाम में ही नहीं, बल्कि यहूदी धर्म में भी सूअर का मांस निषिद्ध माना गया है। तोराह, जो यहूदियों का धार्मिक ग्रंथ है, में भी सूअर को अशुद्ध माना गया है और इसे खाने से मना किया गया है। इसी तरह, हिंदू धर्म के कुछ अनुयायी भी सूअर का मांस नहीं खाते। धार्मिक आस्था ही मुसलमानों के सूअर का मांस न खाने का सबसे बड़ा कारण है।