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सुषिला कarki: नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश और अंतरिम प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी

सुषिला कarki, नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश, वर्तमान में जनरेशन जेड के प्रदर्शनों के बीच अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हैं। उनके नेतृत्व की क्षमता को देखते हुए उन्हें इस संकट के समय में देश को संभालने के लिए चुना गया है। कarki की शिक्षा और करियर की यात्रा, जिसमें उन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और सर्वोच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, उनके व्यक्तित्व को और भी रोचक बनाती है। जानें उनके साहित्यिक कार्यों और राजनीतिक सफर के बारे में।
 

सुषिला कarki का परिचय

नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कarki, जनरेशन जेड के प्रदर्शनों के पहले दिन से अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हैं। जनरेशन जेड के प्रतिनिधियों और अन्य नेताओं ने उन्हें इस संकट के दौरान देश को संभालने के लिए सक्षम माना है। पिछले सोमवार से जनरेशन जेड के प्रदर्शनकारियों ने सरकार को उखाड़ फेंका, जिससे देश में अशांति फैल गई। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और अन्य मंत्रियों को इस अशांति के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसमें भारत में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई।


सुषिला कarki कौन हैं?

जनरेशन जेड आंदोलन द्वारा चुनी गई नेता सुषिला कarki, नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं, और यह पद धारण करने वाली वह एकमात्र महिला हैं। कarki ने 11 जुलाई 2016 को मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण किया। 2017 में, उनके खिलाफ संसद में एक महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे बाद में जन दबाव और सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद वापस ले लिया गया।


शिक्षा और करियर

सुषिला कarki ने 1975 में महेंद्र मोरंग कैंपस, बिराटनगर से कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, भारत से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री भी प्राप्त की।


कarki ने 1979 में बिराटनगर में अपने कानून के अभ्यास की शुरुआत की। इससे पहले, उन्होंने 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षक के रूप में थोड़े समय तक काम किया। 2007 में वह वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं।


उन्हें 22 जनवरी 2009 को सर्वोच्च न्यायालय में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, और बाद में 18 नवंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं। कarki ने 13 अप्रैल 2016 से 10 जुलाई 2016 तक सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया, और 11 जुलाई 2016 से 7 जून 2017 तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहीं।


साहित्यिक करियर

सुषिला कarki ने एक लेखिका के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक, न्याय, 28 सितंबर 2018 को प्रकाशित हुई। उनकी दूसरी पुस्तक, एक उपन्यास जिसका शीर्षक कारा है, दिसंबर 2019 में जारी किया गया। यह उपन्यास बिराटनगर जेल में सेट है, जहां वह स्वयं पंचायती शासन के दौरान कैद थीं।