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सुषिल कुमार की जमानत रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुषिल कुमार की जमानत रद्द कर दी है, जो 2021 में कुश्ती चैंपियन सागर धंकर की हत्या से संबंधित मामले में हैं। यह मामला एक संपत्ति विवाद से जुड़ा है, जिसमें सागर को गंभीर चोटें आई थीं। सुषिल कुमार की गिरफ्तारी के बाद से उनकी कानूनी लड़ाई जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुषिल कुमार के खिलाफ आरोपों के बारे में।
 

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुषिल कुमार की कानूनी परेशानियाँ बुधवार को और बढ़ गईं, जब सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धंकर की हत्या से संबंधित मामले में उनकी जमानत रद्द कर दी।


मामले की पृष्ठभूमि

जस्टिस संजय करोल और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 4 मार्च के आदेश को पलट दिया, जिसने कुश्ती खिलाड़ी को जमानत दी थी। यह निर्णय सागर के पिता, अशोक धंकर द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति करोल ने निर्णय का संचालन करते हुए कहा कि कुमार को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा।


मामले की गंभीरता

यह मामला 4 मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र में हुई एक हिंसक घटना से संबंधित है। हरियाणा के रोहतक के 23 वर्षीय कुश्ती खिलाड़ी सागर धंकर पर कुमार और उनके कुछ साथियों ने हमला किया था। यह हमला कथित तौर पर संपत्ति विवाद से जुड़ा था, जिसमें धंकर को गंभीर सिर की चोटें आईं।


सुषिल कुमार की गिरफ्तारी

घटना के बाद, कुमार 18 दिनों तक गिरफ्तारी से बचते रहे, और अंततः 23 मई 2021 को दिल्ली पुलिस ने उन्हें मुण्डका में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें रेलवे की नौकरी से निलंबित कर दिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


सुनवाई और जमानत की लड़ाई

अक्टूबर 2022 में, एक दिल्ली की अदालत ने कुमार और 17 अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, दंगा, आपराधिक साजिश, अपहरण और डकैती के तहत आरोप तय किए। जमानत के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन करते समय, कुमार ने कहा कि उन्होंने पहले ही तीन साल से अधिक समय जेल में बिताया है।


ओलंपिक से अदालत तक का सफर

एक समय भारतीय खेलों के सितारे रहे सुषिल कुमार ने 2008 बीजिंग ओलंपिक से कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक से रजत पदक जीते। लेकिन हाल के वर्षों में, उनका नाम इस हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामले से जुड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ, अब मामला अदालत में आगे बढ़ेगा, जहां सुषिल को अपनी सबसे गंभीर लड़ाई का सामना करना होगा।