सुप्रीम कोर्ट में वकील ने मुख्य न्यायाधीश पर हमला करने की कोशिश की
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले का प्रयास किया, जब वह मामलों की सुनवाई कर रहे थे। वकील ने मंच के पास जाकर जूता फेंकने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। इस घटना के पीछे मुख्य न्यायाधीश की एक पूर्व टिप्पणी का विवाद था, जिसने सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया। जानें इस घटना के बारे में और मुख्य न्यायाधीश की प्रतिक्रिया।
Oct 6, 2025, 13:14 IST
सुप्रीम कोर्ट में अजीब घटना
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर हमले का प्रयास किया। यह घटना उस समय हुई जब सीजेआई की अध्यक्षता में वकीलों द्वारा मामलों की सुनवाई चल रही थी। सूत्रों के अनुसार, वकील मंच के निकट पहुंचा और अपना जूता निकालकर जज पर फेंकने की कोशिश की। हालांकि, अदालत में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और वकील को बाहर निकाल दिया। बाहर जाते समय, वकील को यह कहते हुए सुना गया कि वह सनातन का अपमान सहन नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और अदालत में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश की प्रतिक्रिया
सीजेआई ने कहा कि इस सब से विचलित न हों। उन्होंने कहा, "हम विचलित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।" यह घटना संभवतः खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊँची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित एक पूर्व मामले में मुख्य न्यायाधीश गवई की टिप्पणियों से प्रेरित थी। उस मामले को खारिज करते हुए उन्होंने कहा था कि, "जाओ और देवता से ही कुछ करने को कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो। तो अभी जाकर प्रार्थना करो। यह एक पुरातात्विक स्थल है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अनुमति वगैरह देनी होगी।"
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया था और कई लोगों ने मुख्य न्यायाधीश पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया। दो दिन बाद, खुली अदालत में इस विवाद पर बोलते हुए, मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि उनका कोई अनादर करने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, "मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूँ... यह सब सोशल मीडिया पर हुआ।" केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश का समर्थन करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर अक्सर घटनाओं पर प्रतिक्रियाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है।