सुप्रीम कोर्ट में वकील द्वारा CJI पर जूता फेंकने का प्रयास
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया, जिससे अदालत में नाटकीय स्थिति उत्पन्न हो गई। आरोपी ने कहा कि यह कृत्य भारत के सनातन धर्म का अपमान सहन न करने के कारण किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने शांत रहते हुए कार्यवाही जारी रखी और घटना पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। जानिए इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और वकील की पहचान।
Oct 6, 2025, 16:45 IST
नाटकीय घटना सुप्रीम कोर्ट में
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक चौंकाने वाला दृश्य देखने को मिला, जब एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। जब आरोपी को अदालत से बाहर ले जाया जा रहा था, उसने चिल्लाते हुए कहा कि भारत सनातन धर्म का अपमान सहन नहीं करेगा। यह घटना उस समय हुई जब मुख्य न्यायाधीश की कुछ सप्ताह पहले मध्य प्रदेश में एक क्षतिग्रस्त विष्णु मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'जाओ और देवता से ही पूछो।'
मुख्य न्यायाधीश की प्रतिक्रिया
आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया गया, जबकि मुख्य न्यायाधीश गवई ने शांत रहते हुए कार्यवाही को बिना किसी रुकावट के जारी रखा। उन्होंने कहा कि इस घटना से विचलित न हों, ये बातें उन्हें प्रभावित नहीं करतीं। इसके बाद, उन्होंने घटना पर चर्चा करने के लिए अदालत के अधिकारियों के साथ बैठक की। एक वकील के अनुसार, जूता न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन से बाल-बाल बचा, और आरोपी अधिवक्ता राकेश किशोर ने माफी मांगते हुए कहा कि जूता मुख्य न्यायाधीश के लिए था।
वकील की पहचान और प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने बताया कि आरोपी 2011 से बार एसोसिएशन का सदस्य है। उन्होंने कहा कि यह कृत्य मुख्य न्यायाधीश की देवता संबंधी टिप्पणी के जवाब में किया गया प्रतीत होता है। पांडे ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वकील राकेश किशोर को रिहा कर दिया गया, और दिल्ली पुलिस ने उन्हें अदालत परिसर में ही अपनी हिरासत से मुक्त कर दिया।