सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना: काटजू ने CJI गवई को बताया जिम्मेदार
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज का बयान
भारत के पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज मार्कंडेय काटजू ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। काटजू का कहना है कि न्यायाधीशों को अदालत में कम बोलना चाहिए और प्रवचन देने से बचना चाहिए। 72 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अदालत में सीजेआई गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया, उनका दावा था कि वह सीजेआई की टिप्पणियों से आहत थे।
काटजू की टिप्पणी
काटजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं सीजेआई पर जूते फेंकने की घटना की निंदा करता हूं, लेकिन उन्होंने खुद इस घटना को न्योता दिया था। खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते समय उन्होंने कहा था कि भक्तों को देवता से प्रार्थना करनी चाहिए।'
अनुचित टिप्पणियों पर कटाक्ष
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी टिप्पणियों की कोई आवश्यकता नहीं थी और यह कानूनी मुद्दों से संबंधित नहीं थीं। काटजू ने सुझाव दिया कि जजों को अदालत में कम बोलना चाहिए और प्रवचन या उपदेश नहीं देना चाहिए।
राकेश किशोर का बयान
मंगलवार को, किशोर ने सीजेआई गवई के बारे में कहा, 'मैं बहुत आहत हुआ जब गवई ने एक जनहित याचिका का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि मूर्ति से प्रार्थना करो, यह अनुचित था।' किशोर ने यह भी कहा कि याचिका को खारिज करने के बावजूद, गवई को ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए था।
बेंगलुरु में FIR दर्ज
बेंगलुरु पुलिस ने राकेश किशोर के खिलाफ FIR दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार, अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत के आधार पर किशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 और 133 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।