×

सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार की, जल्द रिहाई का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली की क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी दे दी है, जिससे उनकी जेल से रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कोली पहले ही 12 मामलों में बरी हो चुके थे, और अब वह केवल एक मामले में दोषी थे। कोर्ट ने 2011 के अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है। यह मामला 2005-2006 के बीच घटित हुआ था, जब निठारी गांव में कंकाल मिले थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

सुरेंद्र कोली की रिहाई का आदेश

सुरेंद्र कोली

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली की क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी दे दी है, जिससे उनकी जेल से रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कोली पहले ही 12 मामलों में बरी हो चुके थे, और वह केवल रिम्पा हलदर मामले में दोषी पाए जाने के कारण जेल में थे। आज, सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में दिए गए अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोली को 12 मामलों में बरी किया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2011 में एक 15 वर्षीय नाबालिग की हत्या की थी, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था।

सीजेआई भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने फरवरी 2011 के फैसले को पलटते हुए उनकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया। क्यूरेटिव याचिका की सुनवाई के दौरान, जस्टिस विक्रम नाथ ने कोली को रिहा करने का आदेश दिया।

तत्काल रिहाई का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका को स्वीकार किया जाता है। इसके साथ ही 2011 के पुनर्विचार निर्णय को वापस लिया जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है। याचिकाकर्ता को बरी किया जाता है, और सजा रद्द की जाती है। न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि याचिकाकर्ता को तुरंत रिहा किया जाए।

कंकालों की बरामदगी का मामला

कोली की क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने 7 अक्टूबर को यह टिप्पणी की थी कि उनकी दोषसिद्धि केवल एक बयान और रसोई के चाकू की बरामदगी के आधार पर हुई थी। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि अन्य मामलों में बरी होने के कारण एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई है।

निठारी हत्याकांड 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था। यह मामला दिसंबर 2006 में तब सामने आया जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल मिले थे। इसके बाद यह पता चला कि मोनिंदर सिंह पंढेर उस घर का मालिक था और कोली उसका घरेलू नौकर था.