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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ से बंगला खाली करने का किया अनुरोध

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से सरकारी बंगला खाली करने का अनुरोध किया है। चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के बाद भी बंगला खाली नहीं किया है, जिसके कारण कोर्ट ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आवंटित नए आवास की स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते वह अभी बंगला खाली नहीं कर पा रहे हैं। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
 

डीवाई चंद्रचूड़ का न्यायपालिका में योगदान

डीवाई चंद्रचूड़, जो देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, का नाम भारतीय न्यायपालिका में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त होने के बाद से चंद्रचूड़ ने दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित सरकारी बंगला नंबर 5 को खाली नहीं किया है। इस स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सख्त कदम उठाने की मांग की है।


बंगला खाली करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने 1 जुलाई को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र भेजकर तत्काल बंगला खाली करने का अनुरोध किया। पत्र में कहा गया है, "कृपया बिना किसी देरी के बंगला संख्या 5, कृष्णा मेनन मार्ग को आदरणीय डीवाई चंद्रचूड़ जी से खाली करवाने की व्यवस्था की जाए।"


सरकारी आवास में रहने की समयसीमा

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को सरकारी आवास में केवल 6 महीने रहने की अनुमति होती है। चंद्रचूड़ को यह समयसीमा 10 मई 2025 तक दी गई थी, जिसे 31 मई तक बढ़ाया गया था। अब यह समय भी समाप्त हो चुका है। वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई हैं, जिन्होंने 14 मई 2025 को पदभार ग्रहण किया।


बंगला न खाली करने का कारण

एक साक्षात्कार में पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने बंगला खाली न करने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें किराए पर एक नया आवास आवंटित किया है, लेकिन वह घर लंबे समय से खाली था और उसकी स्थिति खराब है। वहां मरम्मत का कार्य चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा, "मैंने सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। जैसे ही नया आवास रहने योग्य होगा, मैं तुरंत वहां शिफ्ट हो जाऊंगा।"