×

सुप्रीम कोर्ट ने 'कैश-फॉर-जॉब्स' मामले में पूर्व मंत्री की जमानत शर्तों पर केंद्र और ईडी से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने 'कैश-फॉर-जॉब्स' घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत शर्तों में राहत देने की मांग पर केंद्र और ईडी से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान, बालाजी के वकील ने सख्त शर्तों में बदलाव की आवश्यकता बताई। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में नौ लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। गृह मंत्रालय ने विस्फोट की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला और जनता से अटकलों से बचने की अपील की।
 

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 'कैश-फॉर-जॉब्स' घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत शर्तों में राहत देने की मांग पर केंद्र और ईडी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस संबंध में नोटिस जारी किया। सुनवाई के दौरान, बालाजी की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि सितंबर में निर्धारित दो सख्त शर्तों में बदलाव की आवश्यकता है। सिब्बल ने कहा कि बालाजी को हर महीने के पहले शनिवार को तीन अलग-अलग मामलों के जांच अधिकारियों के सामने पेश होना पड़ता है। चूंकि जांच पूरी हो चुकी है और शिकायत भी दाखिल हो चुकी है, इसलिए इतनी कड़ी शर्तें अब आवश्यक नहीं हैं। दूसरी ओर, ईडी ने इन शर्तों में किसी भी ढील का कड़ा विरोध किया।


नौगाम विस्फोट की घटना

14 नवंबर की रात श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए एक भीषण विस्फोट में नौ लोगों की जान गई और 32 अन्य घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी, फोरेंसिक विशेषज्ञ, राजस्व अधिकारी और आम नागरिक शामिल थे। यह विस्फोट रात करीब 11:20 बजे हुआ, जब टीमें एक बड़े आतंकी मॉड्यूल की जांच के दौरान जब्त की गई विस्फोटक सामग्री के एक बड़े जखीरे को संभाल रही थीं।


गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय ने क्या कहा

गृह मंत्रालय (जम्मू-कश्मीर प्रभाग) के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने पुष्टि की कि नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट एफआईआर संख्या 162/2025 से जुड़ी नियमित लेकिन बेहद संवेदनशील प्रक्रियाओं के दौरान हुआ। उन्होंने बताया कि 9-10 नवंबर को फरीदाबाद से बरामद भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ को पुलिस स्टेशन के एक सुरक्षित क्षेत्र में रखा गया था। पुलिस, एसआईए, एफएसएल, अपराध शाखा और राजस्व विभाग सहित कई एजेंसियां ​​एक साथ मिलकर काम कर रही थीं। निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, जब्त सामग्री के नमूने फोरेंसिक और रासायनिक परीक्षण के अधीन थे। हालांकि, बरामद सामग्री की अस्थिर प्रकृति के कारण एक आकस्मिक विस्फोट हुआ, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। लोखंडे ने कहा कि विस्फोट से पुलिस स्टेशन को गंभीर क्षति हुई और आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुईं। उन्होंने जनता से अनावश्यक अटकलों से बचने का आग्रह किया। भारत सरकार इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है।