सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ मामले की जाँच सीबीआई को सौंपी
सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। न्यायालय ने इस घटना के गंभीर परिणामों को ध्यान में रखते हुए एक तीन-सदस्यीय समिति का गठन भी किया है, जिसका नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे। समिति को सीबीआई की जाँच की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
Oct 13, 2025, 11:37 IST
सीबीआई को सौंपा गया करूर भगदड़ मामला
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को करूर भगदड़ की जाँच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया। अदालत ने इस घटना के गंभीर परिणामों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया। न्यायमूर्ति जे माहेश्वरी ने कहा कि इस घटना ने "राष्ट्रीय आत्मा को झकझोर दिया है" और सभी संबंधित पक्षों की चिंताओं को दूर करने के लिए गहन जाँच की आवश्यकता पर जोर दिया।
तीन-सदस्यीय समिति का गठन
अदालत ने सीबीआई की जाँच की निगरानी के लिए एक तीन-सदस्यीय पर्यवेक्षी समिति का गठन भी किया। इस समिति का नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे, जिसमें दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे, जो तमिलनाडु कैडर के हैं लेकिन राज्य के निवासी नहीं होंगे। यह समिति भगदड़ से संबंधित किसी भी मामले की जाँच कर सकती है।
जाँच की मासिक रिपोर्ट
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने बताया कि समिति का नेतृत्व न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी करेंगे और इसमें तमिलनाडु कैडर के दो आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ये अधिकारी राज्य के मूल निवासी नहीं होंगे।
अदालत ने कहा कि यह मामला नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जुड़ा है और निर्देश दिया कि जाँच सीबीआई को सौंपी जाए। समिति को सीबीआई की जाँच की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी खंडपीठ को सौंपी जाएगी।
समिति की स्वतंत्रता
अदालत ने यह भी कहा, "समिति सीबीआई की जाँच की निगरानी करेगी और भगदड़ से संबंधित किसी भी मामले की जाँच कर सकती है। यह न्यायाधीश के निर्देशों के अनुसार अपनी प्रक्रिया तैयार करेगी। यदि किसी भी स्तर पर इस न्यायालय की कोई आवश्यकता हो, तो इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है।"