सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के समन को रद्द किया, राजनीतिक दुरुपयोग पर जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बी.एम. पार्वती को ईडी द्वारा जारी समन को रद्द कर दिया है। अदालत ने ईडी की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि इसका उपयोग राजनीतिक लड़ाई में नहीं होना चाहिए। यह मामला MUDA द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
Jul 21, 2025, 13:04 IST
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बी.एम. पार्वती को जारी ईडी के समन को रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने ईडी को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करने की चेतावनी भी दी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी की कार्रवाई की तीखी आलोचना की। न्यायालय ने कहा कि एजेंसी का उपयोग राजनीतिक लड़ाई में नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, "राजनीतिक लड़ाई मतदाताओं के सामने लड़ी जानी चाहिए। इसके लिए आपका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?" उन्होंने महाराष्ट्र में ईडी के कार्यों के संदर्भ में "कठोर टिप्पणियाँ" करने का भी संकेत दिया। अदालत के सख्त रुख को देखते हुए, ईडी की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अपनी अपील वापस ले ली।
यह मामला कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा 14 भूमि भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। ईडी ने धन शोधन की जांच के तहत पार्वती सिद्धारमैया और राज्य मंत्री बिरथी सुरेश को समन भेजा था। एजेंसी को इन भूमि लेनदेन के माध्यम से सत्ता के दुरुपयोग और अवैध लाभ का संदेह था। हालांकि, मार्च 2025 में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करने के लिए सबूतों और कानूनी आधारों की कमी का हवाला देते हुए ईडी के समन को रद्द कर दिया।