सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जेडी(यू) और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची को जारी रखने की अनुमति दी है, जिस पर जेडी(यू) और विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जेडी(यू) के संजय कुमार झा ने कहा कि यह निर्णय विपक्ष के लिए झटका है, जबकि राजद और कांग्रेस ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
Jul 11, 2025, 14:39 IST
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और जेडी(यू) की प्रतिक्रिया
बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को जारी रखने की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर जेडी(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची को बनाए रखने की अनुमति दी है। चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में विस्तृत सर्वेक्षण करना है। झा ने यह भी कहा कि विपक्षी नेता इस स्थिति से उत्तेजित हैं क्योंकि उन्हें आगामी चुनावों के परिणाम का अंदाजा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
जेडी(यू) के नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह निर्णय विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची में संशोधन के संबंध में उनके तर्कों को खारिज नहीं किया। जद-यू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेता सुनवाई से पहले उच्चतम न्यायालय पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अदालत का यह आदेश उन दलों के लिए एक बड़ा झटका है, जो निर्वाचन आयोग के अधिकारों पर सवाल उठा रहे थे।
राजद और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव और इंडिया अलायंस द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दर्ज की गई आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की थी। उन्होंने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी जल्दी इतने सारे मतदाताओं का संशोधन कैसे किया जा सकता है। वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार आधार को पहचान के रूप में प्रचारित कर रही है, लेकिन अब इसकी मान्यता समाप्त हो गई है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया।